आम्रपाली ग्रुप विवाद में फंसता देख धोनी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट


dhoni moves to supreme court in Amrapali group clash

 

रियल स्टेट कंपनी आम्रपाली समूह के प्रॉपर्टी विवाद में भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का नाम सामने आया है. धोनी पर आरोप है कि 5,800 वर्ग फीट का पेंटहाउस उन्होंने कौड़ियों के भाव में खरीदा. जिसके बाद धोनी ने कोर्ट का रुख किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह में गलत तरीके से बेची और खरीदी गई संपत्तियों की पहचान के लिए फोरेंसिक ऑडिटर्स की टीम बनाई है.

हाल ही में इस टीम ने पहचान की है कि धोनी ने नोएडा स्थित पांच बेडरूम का पेंट हाउस महज 20 लाख रुपये में खरीदा. जबकि उस समय भी उसकी कीमत करोड़ों में थी.

कोर्ट की ओर से नियुक्त फोरेंसिक विशेषज्ञों ने 655 ऐसे लोगों की पहचान की है, जिन्होंने इस ग्रुप से कौड़ियों के भाव जमीन खरीदी है.

इससे पहले आम्रपाली ग्रुप अपने खरीददारों को उनका मकान देने में असफल रहा है. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने गलत तरीके से बेची गई प्रॉपर्टी की पहचान कर उसे नीलाम करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा था कि इस तरह से जो पैसा इकट्ठा हो उससे अधूरे घरों का निर्माण पूरा किया जाए और उनके खरीददारों को दे दिया जाए.

अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद धोनी को लगा कि उनके पेंटहाउस का एलॉटमेंट रद्द कर दिया जाएगा, तब वो अपनी गुहार लेकर अदालत पहुंच गए हैं.

धोनी की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि उनकी इस संपत्ति को फर्जी तरीके से खरीदी गई संपत्ति की सूची में ना रखा जाए. उनका कहना है कि वे आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर रहे हैं. कंपनी उनका निजी भुगतान करने में असफल रही है.

धोनी ने कोर्ट से आग्रह किया है कि इस पेंटहाउस को उनके कंपनी के साथ हुए करार और इसमें हुए उनके नुकसान के साथ जोड़कर देखा जाए.

इस मामले की जांच कर रहे विशेषज्ञों ने कोर्ट को बताया है कि कुछ मामलों में मकानों को एक रुपये वर्ग फीट की कीमत में बेचा हुआ दिखाया गया है. जबकि इस प्रोजेक्ट में अकूत पैसा लगाया गया था.

विशेषज्ञों का कहना है कि आम्रपाली समूह ने मकानों को कागज पर कौड़ियों के भाव बेचा, लेकिन नगद के रूप में काले धन का लेनदेन हुआ. इस दौरान ग्रुप को 159 करोड़ का काला धन नकदी के रूप में मिला.


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