DRDO ने कहा एंटी सैटेलाइट टेस्ट से स्पेस स्टेशन को नहीं कोई खतरा


DRDO says no risk to space station

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एंटी सैटेलाइट टेस्ट पर नासा के विरोध के बाद अब रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी कि डीआरडीओ का बयान आया है. डीआरडीओ ने कचरे के मामले में सफाई देते हुए कहा है कि इससे अंतरिक्ष स्टेशन को कोई खतरा नहीं है.

डीआरडीओ की ओर से कहा गया है कि 45 दिनों में कचरा अपने हट जाएगा.

डीआरडीओ की ओर से ए-सैट को लेकर आयोजित सभा में इसके बारे में विस्तृत बातचीत की गई. जब अधिकारियों से पूछा गया कि क्या इस परीक्षण के लिए चुनाव आयोग से इजाजत ली गई थी. इस पर अधिकारियों ने कहा कि उनके पास हर तरह की जरूरी क्लियरेंस थी.

जब परीक्षण के समय और प्रधानमंत्री की घोषणा के बारे में पूछा गया तो, डीआरडीओ के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी ने कहा कि परीक्षण का समय ‘तकनीकि और वैज्ञानिक कारणों’ से संचालित था.

उन्होंने कहा कि ये ऐसा परीक्षण था जिसे गुप्त नहीं रखा जा सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि अब इस तरह के किसी और परीक्षण की जरूरत नहीं होगी.

परीक्षण से फैले कचरे और संभावित खतरे को लेकर डीआरडीओ ने सफाई दी. रेड्डी ने कहा कि हमने कचरे से होने वाले खतरें को खत्म करने के लिए लोअर ऑर्बिट का सबसे निचला हिस्सा चुना. हमने 300 किलोमीटर से काफी नीचे ये परीक्षण किया.

उन्होंने कहा, “हमने जिस ऑर्बिट का चुनाव किया वो अंतरिक्ष स्टेशन से 120 किलोमीटर नीचे था. इस वजह से स्टेशन को किसी तरह का नुकसान पहुंचने की कोई संभावना पैदा ही नहीं होती.”

डीआरडीओ ने कहा कि अगर किसी तरह का खतरा संभव भी था तो अब वो टल चुका है. इसके लिए नासा के बयान का हवाला दिया गया. रेड्डी ने कहा “नासा के मुताबिक खतरा सिर्फ 10 दिन तक हो सकता था, जो अब पूरे हो चुके हैं.”

इससे पहले बीते मंगलवार को अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा था कि भारत के इस परीक्षण से कचरे के 400 टुकड़े अंतरिक्ष में भटक रहे हैं. नासा ने कहा था कि इनसे अंतरिक्ष स्टेशन को खतरा पैदा हो गया है.


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