आईपीओ बाजार से दूर कंपनियां, इस साल अब तक केवल 11 कंपनियां आईं
बाजार में कमजोर धारणा के कारण पूंजी जुटाने के लिए कंपनियां इस साल आईपीओ लाने से बच रही हैं. यह साल खत्म होने में केवल साढ़े तीन महीने बचे हैं लेकिन अबतक केवल 11 कंपनियों ने ही बाजार में दस्तक दी है. इन कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार आईपीओ बाजार अगले कुछ महीनों तक चुनौतीपूर्ण बना रह सकता है. इसका कारण वैश्विक और घरेलू कारणों से बाजार में उतार-चढ़ाव का होना है.
रिलायंस सिक्युरिटीज के शोध प्रमुख नवीन कुलकर्णी ने कहा, ‘‘आईपीओ बाजार चालू वर्ष की बची हुई अवधि में भी कठिन बना रह सकता है. लघु एवं मझोली कंपनियों के शेयरों के मूल्यांकन में तीव्र सुधार हुआ है जिसका असर प्राथमिक बाजारों पर पड़ा है.’’
शेयर बाजारों के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इस साल अबतक 11 कंपनियां आईपीओ लेकर आईं, जिन्होंने 10,300 करोड़ रुपये जुटाए. इसकी तुलना में पूरे 2018 में 24 कंपनियों ने 30,959 करोड़ रुपये जुटाये.
वहीं 2017 में 36 कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिए 68,000 करोड़ रुपये जुटाए थे.
ये राशि व्यापार विस्तार योजनाओं, कर्ज भुगतान और कार्यशील पूंजी के लिए जुटाई गई हैं. साथ ही आईपीओ के जरिए जुटाई गई राशि का बड़ा हिस्सा प्रवर्तकों, निजी इक्विटी कंपनियों और अन्य मौजूदा शेयरधारकों के पास आंशिक या पूर्ण हिस्सेदारी बिक्री के एवज में गई.
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार आईपीओ के जरिए जुटाई गई राशि में कमी के कई कारण हैं. इसमें अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, बाजार को लेकर कमजोर धारणा और भारतीय मुद्रा की विनिमय दर में गिरावट शामिल हैं.
मोतीलाल ओसवाल इनवेस्टमेंट बैंकिंग के कार्यकारी निदेशक मुकुंद रंगनाथन ने कहा, ‘‘वर्ष 2017 में काफी संख्या में आईपीओ आए. उसके मुकाबले 2018 और 2019 में आईपीओ की संख्या में लगातार कमी आई है. यह कई कारकों का नतीजा है जिसके कारण प्राथमिक पूंजी बाजारों में पिछले एक-डेढ़ साल में निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल 90 कंपनियों ने आईपीओ के लिए विवरण पुस्तिका जमा की. लेकिन इसमें काफी कम कंपनियां ही आईपीओ लाने में सफल रही. वास्तव में कंपनियां अपनी पूंजी जरूरतों के लिए आईपीओ बाजार के बजाए दूसरे विकल्पों पर गौर कर रही हैं….’’
2019 में आईपीओ लाने वाली कंपनियों में एफल लिमिटेड, स्पंदना स्फूर्ति फाइनेंशियल, स्टर्लिंग एंड विल्सन सोलर लिमिटेड, रेल विकास निगम, पॉलीकैब इंडिया और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर शामिल हैं.