EC ने आचार संहिता में संशोधन की सिफारिश टाली
निर्वाचन आयोग ने फिलहाल आदर्श आचार संहिता में संशोधन करने के विचार को टाल दिया है. आयोग द्वारा गठित एक समिति की सिफारिश थी कि राजनीतिक पार्टियां पहले चरण के मतदान समाप्ति के 72 घंटे पहले अपना चुनावी घोषणापत्र जारी करें, लेकिन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में वह इस संशोधन को लागू नहीं करेगा.
माना जा रहा है कि राजनीतिक पार्टियों में इस बात को लेकर आम सहमति नहीं थी, इसलिए फिलहाल उसने यह विचार टाल दिया है. अब इस संशोधन पर वह राजनीतिक पार्टियों के साथ आम चुनाव के बाद नए सिरे से चर्चा करेगा.
ख़बरों के मुताबिक़, प्रस्तावित संशोधन पर पांच राजनीतिक दलों ने अपने विचार प्रकट किए थे. इनमें कांग्रेस ने आदर्श आचार संहिता में संशोधन करने का विरोध किया.
हालांकि इस आम चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की वीवीपीएटी पर्चियों से मिलान करने की योजना भी खटाई में पड़ती हुई नजर आ रही है. इस योजना पर भारतीय सांख्यिकी संस्थान को निर्वाचन आयोग को एक रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन उसने अब तक यह रिपोर्ट नहीं सौंपी है.
माना जा रहा है कि प्रति विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर सांख्यिकीय विशेषज्ञ की सिफ़ारिश के बाद ही वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती करने के तरीकों में बदलाव किया जाएगा. हालांकि निर्वाचन आयोग के एक पदाधिकारी ने कहा है कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान जल्द अपनी रिपोर्ट देगा.
पदाधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता कानूनी रूप से बाध्य नहीं है. इसका काम राजनीतिक दलों को चुनाव में समान मौका देना है. इसलिए संहिता में संशोधन सभी दलों की सहमति से ही किया जा सकता है.