चुनावी कैंपेन: कांग्रेस का निशाना ‘विकास के दावों’ पर


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लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी मार्च के पहले हफ्ते से चुनावी कैंपेन शुरू कर सकती है. दि हिन्दू अखबार की खबर के मुताबिक़, पार्टी चुनाव को लेकर बीजेपी सरकार के ‘विकास के दावों’ को निशाना बनाएगी. इसके लिए कांग्रेस का पूरा फोकस बीजेपी के झूठे दावों पर रहेगा.

कांग्रेस ने चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार की योजना को अक्टूबर महीने से अंजाम देना शुरू कर दिया था. सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए लियो बर्नेट (Leo Burnett), निक्सन(Niksun), एफसीबी-यूएलकेए (FCB-ULKA), परसेप्ट (Percept), डिजाइन बॉक्सड (Design Boxed) और क्रेयॉन्स (Crayons) की मदद ली गई है.

बताया जा रहा है कि कांग्रेस चुनाव प्रचार के लिए ‘बंदे में है दम-साथ चलेंगे हम’, ‘अब इस बार सोच समझ के’ और ‘बहुत हुई जुमलों की मार-आओ बदले मोदी सरकार’ जैसे टैग-लाइन के साथ मैदान में उतर रही है. इसके लिए अभियान से जुड़ी कंपनियों ने कोर कमेटी के सामने प्रेजेंटेशन भी दे दिया है.

हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव के लिए कैंपेन 20 फरवरी तक शुरू हो गई थी. इस दफा देरी देखने को मिल रही है. माना जा रहा है कि नामांकन के बाद प्रचार-प्रसार के रुख में बदलाव दिखेगा.

इस दौरान कांग्रेस पार्टी अपना प्रचार-प्रसार दो तरह से करेगी. जिन जगहों पर पार्टी की बीजेपी से सीधी टक्कर होगी, वहां पार्टी की नीति उन जगहों से अलग होगी जहां उसे क्षेत्रीय पार्टियों से मुकाबला करना है.

2014 के चुनाव में बीजेपी ने अपने डिजिटल कैंपेन के तरीके से विपक्षी पार्टियों को चौंका दिया था. इस दफा कांग्रेस भी कैंपेन के लिए डिजिटल माध्यमों पर फोकस कर सकती है. माना जा रहा है कि इसके लिए अमेरिकी की गुटेनबर्ग (Gutenburg) और भारत की सिल्वरपुस (Silverpush) एजेंसी की मदद ली जा सकती है.


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