चुनाव आयोग ने ‘हैकर’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा


the VVPAT slip wil prevail: EC

 

चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को ईवीएम हैक मामले में साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करने को कहा है. विशेषज्ञ ने दावा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी. और ईवीएम को हैक किया जा सकता है.

चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को लिखे एक पत्र में कहा है कि सैयद शुजा ने आईपीसी की धारा 505 (1) का कथित तौर पर उल्लंघन किया है. यह धारा दहशत पैदा करने वाले अफवाह फैलाने से जुड़ा है.

आयोग ने पुलिस को लंदन में हुए एक कार्यक्रम में शुजा के दिए बयान की शीघ्र जांच करने को कहा है.

21 जनवरी को लंदन के एक प्रोग्राम में शुजा ने दावा किया कि “मैनें 2009-14 तक ईसीआईएल में काम किया. उस टीम का हिस्सा था जिसने 2014 के चुनाव में इस्तेमाल हुए ईवीएम को डिजाइन किया था. उन्हें और उनकी टीम को ईसीआईएल ने इस बात का पता लगाने के लिए निर्देश दिया था कि क्या ईवीएम को हैक किया जा सकता है और इसे कैसे किया जा सकता है.”

उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने मोड्यूलेटर का इस्तेमाल करके ईवीएम को हैक किया था. ये मोड्यूलेटर मिलिट्री ग्रेड फ्रीक्वेंसी को ट्रांसमिट करते हैं. और जिसकी वजह से बीजेपी 2014 के चुनाव में कांग्रेस को हराकर केंद्र की सत्ता में आया था.

शुजा ने यह भी दावा किया है कि “टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में बीजेपी की मदद की थी. ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके. बीजेपी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भी चुनाव जीत जाती अगर मेरी टीम ने इन इन राज्यों मेंन ट्रांसमिशन हैक करने की कोशिश को पकड़ नहीं लिया होता.”

शुजा ने कहा कि इसके बाद उनकी टीम के कुछ सदस्यों की हत्या कर दी गई और उनपर भी कथित हमला हुआ था, लेकिन वह बच गए और डरकर 2014 में भारत से भाग आए.

उन्होंने कहा कि वह एक जाने-माने भारतीय पत्रकार से मिले थे और ईवीएम में कथित धांधली के बारे में पूरी कहानी उन्हें बताई थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री ‘मुंडे’ की हत्या भी इसी वजह से हुई क्योंकि वह इवीएम हैकिंग के बारे में जानते थे.

उनके मुताबिक मुंडे की मौत की जांच कर रहे एनआईए अधिकारी तंजील अहमद इस बात का पता लगने के बाद हत्या का मामला दर्ज करने की योजना बना रहे थे, लेकिन उन्हीं की हत्या हो गई.

मुंडे की मौत नई दिल्ली में भाजपा के 2014 के चुनाव जीतने के कुछ सप्ताह बाद ही एक सड़क दुर्घटना में हुई थी.

चुनाव आयोग ने शुजा के इस दावे का खंडन किया है और खुद शुजा ने भी इस आरोप के पक्ष में कोई सबूत पेश नहीं किया है.

आयोग ने इस मामले पर एक बार फिर से दोहराया कि ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) बेहद कड़ी निगरानी और सुरक्षा में करते हैं. और 2010 में गठित जाने-माने तकनीकी विशेषज्ञों की समिति की निगरानी में संचालन प्रक्रियाओं के पालन पर बारीक नजर रखी जाती है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सैयद शुजा के दावे पर कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की हैकिंग को लेकर सैयद शुजा का दावा ‘बहुत गंभीर’ है. इसकी जांच होनी चाहिए. क्योंकि यह भारत में लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा है.

सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर कोई आरोप लगा रहा है तो यह पता करना जरूरी है कि आरोप सही हैं या नहीं. अगर आरोप गलत हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई करिए. अगर आरोप सही हैं तो यह बहुत गंभीर मामला है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का मुद्दा है. मुद्दा यह है कि क्या ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है. यह भारत के लोकतंत्र के अस्तित्व से जुड़ा मुद्दा भी है.’’

वित्ती मंत्री अरूण जेटली ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा, ‘‘क्या चुनाव आयोग, ईवीएम के निर्माण, प्रोगामिंग और चुनाव कराने में शामिल लाखों कर्मचारियों की भाजपा के साथ साठगांठ थी – यह पूरी तरह से बकवास है.’’


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