आजम खान और मेनका गांधी पर चुनाव आयोग का चाबुक


election commission bars azam khan and maneka gandhi

 

चुनाव आयोग ने मेनका गांधी और आजम खान के अलग-अलग समय तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है. केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और एसपी के वरिष्ठ नेता आजम खान पर विवादित बयान देने के चलते ये प्रतिबंध लगाया गया है.

यह पहला मौका है जब किसी केंद्रीय मंत्री के प्रचार अभियान में हिस्सा लेने पर रोक लगायी गई है.

आयोग ने इस बारे में आदेश जारी कर मेनका गांधी को मंगलवार (16 अप्रैल) को सुबह दस बजे से अगले 48 घंटे तक देश में कहीं भी किसी भी प्रकार से चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने से रोक दिया है.

इसी तरह एक अन्य आदेश में आजम खान को भी मंगलवार सुबह दस बजे से अगले 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोका गया है.

उल्लेखनीय है कि मेनका गांधी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की और आजम खान रामपुर संसदीय क्षेत्र से एसपी के उम्मीदवार हैं.

आयोग ने मेनका गांधी पर ये कार्रवाई एक नुक्कड़ सभा में समुदाय विशेष पर विवादित टिप्पणी करने के चलते की है. जबकि आजम खान ने बीजेपी प्रत्याशी जयाप्रदा के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया था. इसी के चलते आजम खान पर आयोग ने कार्रवाई की है.

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चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद एक के बाद एक कई कार्रवाइयां की हैं. बीते सोमवार को कोर्ट ने एक एनआरआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने आयोग से कहा था कि वो उसे 24 घंटे में अपनी शक्तियों की जानकारी दे.

कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाई थी.


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