मध्य प्रदेश के मतदाताओं ने रोजगार को बताया सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा


Maharashtra: Government not satisfied with public expectations

  एडीआर

मध्य प्रदेश के मतदाता आगामी लोकसभा चुनाव के लिए रोजगार को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं. राज्य की 29 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए प्रदेश के 61.91 फीसदी मतदाताओं ने भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कृषि जैसे मुद्दों की जगह रोजगार को सबसे अधिक तवज्जो दी.

ये बात चुनावों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉमर्स (एडीआर) के सर्वे में सामने आई है.

इस सर्वे में खास बात ये है कि प्रदेश के शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं ने भी अच्छे रोजगार अवसर उपलब्ध कराने के मुद्दे को पहली प्राथमिकता दी है.

एडीआर कर्मचारी रोली शिवहरे ने बताया, ‘‘आगामी चुनाव में मध्य प्रदेश के मतदाताओं की केंद्र और राज्य सरकार से प्रदेश में रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध कराना सबसे बड़ी अपेक्षा है. प्रदेश के 61.91 फीसदी मतदाता इसे ही सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा मानते हैं, जो राष्ट्रीय स्तर के 46.80 फीसदी के आंकड़े से 15.06 फीसद अधिक है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश के शहरी क्षेत्र के 70 फीसदी मतदाताओं ने अच्छे रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के मुद्दे को पहली प्राथमिकता दी है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के 59 फीसदी मतदाताओं ने इसे पहली प्राथमिकता दी है.’’

रोली ने बताया कि प्रदेश के 39.19 फीसदी मतदाताओं की दूसरी प्राथमिकता कृषि उत्पादों के लिए अधिक मूल्यों की प्राप्ति है, जबकि 32.69 फीसदी मतदाताओं ने अपनी तीसरा मुद्दा बेहतर अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को बताया है.

उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाके के 56 फीसदी मतदाताओं ने कृषि उत्पादों के लिए अधिक मूल्यों की प्राप्ति को दूसरा मुद्दा बताया. 40 फीसदी मतदाताओं ने कृषि के लिए जल की उपलब्धता के वास्ते बिजली प्रदाय को तीसरा मुद्दा कहा है.

रोली ने बताया कि शहरी इलाके के 45 फीसदी मतदाताओं ने बेहतर अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उपलब्ध कराने को दूसरी वरीयता दी है, जबकि 41 फीसदी मतदाताओं ने बेहतर कानून व्यवस्था को तीसरी प्राथमिकता माना है.


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