प्रदूषण की वजह से होती हैं एक चौथाई मौतें: संयुक्त राष्ट्र
दुनिया भर में समय से पहले और बीमारियों से जितनी मौत होती है, उसमें एक चौथाई मानव निर्मित प्रदूषण और पर्यावरण को हुए नुकसान के कारण होती है. ये बात संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में सामने आई है.
इस रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि दम घोंटू उत्सर्जन, केमिकल से प्रदूषित पेयजल और पारिस्थितिकी तंत्र को होने वाला नुकसान दुनिया भर में अरबों लोगों की रोजी-रोटी को प्रभावित कर रहे हैं. विश्व की अर्थव्यवस्था को भी इससे चोट पहुंच रही है.
‘वैश्विक पर्यावरण परिदृश्य रिपोर्ट’ अमीर और गरीब देशों के बीच की बढ़ती खाई को प्रदर्शित करती है. क्योंकि विकसित दुनिया में बढते उपभोग, प्रदूषण और खाद्य अपशिष्ट से हर जगह भुखमरी, गरीबी और बीमारी फैल रही है. यह रिपोर्ट छह साल में आती है. इसे 70 देशों के 250 वैज्ञानिकों ने इसे तैयार किया है.
ग्रीन हाउस गैस के बढ़ते उत्सर्जन से सूखा, बाढ़ और तूफान के खतरे के बीच समुद्र का स्तर बढ़ रहा है. इस पर सहमति बन रही है कि जलवायु परिवर्तन से अरबों लोगों के भविष्य को खतरा होगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वच्छ पेय जल नहीं मिलने से हर साल 14 लाख लोगों की मौत हो जाती है. इसी तरह समुद्र में बह कर पहुंचे रसायन के कारण सेहत पर बेहद खराब असर पड़ता है. विशाल पैमाने पर खेती के चलते और वन काटे जाने से भूमि क्षरण के कारण 3.2 अरब लोग प्रभावित होते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण की वजह से हर साल 60-70 लाख लोगों की मौत समय से पहले हो जाती है.