प्रदूषण पर चिंतित पर्यावरणविदों ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र
देश में प्रदूषण की समस्या पर त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए पर्यावरणविदों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में खासतौर पर तीन साल में सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शहर दिल्ली को लेकर कदम उठाने का आग्रह किया गया है.
रविवार को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘हम भारत के लोग आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या को हल करने के लिए कोई बड़ा कदम उठाएं. पूरे देश में, विशेष रूप से उत्तर के मैदानी क्षेत्र और दिल्ली में धुंध के कारण स्थिति घातक है जिसका हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. हमारे डॉक्टरों के अनुसार हम राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति में हैं.’
इन पर्यावरणविदों में केयर फॉर एयर की ज्योति पांडे, माय राइट टू ब्रीथ की रवीना राज कोहली, यूनाइटेड रेजिडेंट्स ज्वाइंट एक्शन के अतुल गोयल और क्लीन एयर कलेक्टिव के बृकेश सिंह शामिल हैं.
रविवार 3 नवंबर की सुबह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ गया. शहर में वायु गुणवत्ता कई स्थानों पर ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में चली गई. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 494 दर्ज किया गया.
दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बद से बदतर हो जाने के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील की है. उन्होंने पड़ोसी राज्यों और केंद्र से पराली जलाने को रोकने के उपायों पर साथ बैठकर विमर्श करने को कहा.
केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार आरोप-प्रत्यारोप में नहीं पड़ी है, बल्कि पराली जलाने से हो रहे प्रदूषण के समाधान को तलाश रही है.
उन्होंने कहा , ” मीडिया हमसे कह रहा है कि आरोप प्रत्यारोप में नहीं पड़ें. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हम यह नहीं करना चाहते. हम किसी को दोष नहीं दे रहे हैं. हम कह रहे हैं कि सभी लोगों को मिल कर समाधान तलाशना चाहिए.”
उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ” इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. यह हम सब के लिए गंभीर चिंता का मामला है. हमारी सेहत दांव पर लगी है. हमें आरोप-प्रत्यारोप से क्या मिलेगा? हम कह रहे हैं, पराली जलाने से दिल्ली में धुआं हो रहा है और हमें सामूहिक रूप से इसे रोकना है.”
केजरीवाल ने पराली जलाने को रोकने के लिए केंद्र द्वारा पराली को निपटाने वाली मशीनों के वितरण की धीमी गति पर भी सवाल उठाया.
उन्होंने कहा, ” पंजाब और हरियाणा में अब तक 63,000 मशीनें किसानों को उपलब्ध कराई गई हैं. इन राज्यों में 27 लाख किसान हैं. सभी किसानों को इन मशीनों का वितरण करने में कितना वक्त लगेगा? कितने समय तक हम इस प्रदूषण को झेलते रहेंगे?”
मुख्यमंत्री ने सोमवार से शुरू हो रही सम-विषम योजना का पालन करने की भी दिल्लीवासियों से अपील की.
उन्होंने कहा, ” मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि इस योजना के दौरान अगर वे अपनी कार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो वे कार पूल (कार साझा) का उपयोग करें. मैं भी सख्ती से इस योजना का पालन करूंगा.”
उन्होंने लोगों को सलाह दी कि जब उन्हें सांस लेने में परेशानी हो तो वे मास्क का इस्तेमाल करें.
केजरीवाल ने कहा, ” मैं स्कूली छात्रों के जरिए मास्क भेज रहा हूं और मैं आपको सलाह देता हूं कि जब आपको सांस लेने में दिक्कत हो तो आप उनका इस्तेमाल करें. मैं दिल्ली के दो करोड़ लोगों को लेकर बहुत चिंतित हूं और भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आप सब की सेहत अच्छी रहे. हम सबको साथ मिलकर प्रदूषण से लड़ना चाहिए.”’
दिल्ली में भयंकर प्रदूषण है. दिल्ली में रविवार को प्रदूषण का स्तर तीन साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. परेशान लोगों ने सोशल मीडिया पर कहा कि वे खराब वायु गुणवत्ता की वजह से शहर छोड़ना चाहते हैं.
दिल्ली में शाम सात बजे एक्यूआई 490 था जो गंभीर श्रेणी में आता है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण में शुक्रवार को पराली जलाने से होने वाले धुएं की हिस्सेदारी 46 फीसदी थी. शनिवार को यह घटकर 17 फीसदी हो गई और रविवार को 12 फीसदी रहने का अनुमान था.