कश्मीर का दौरा करेंगे यूरोपीय सांसद, डोभाल ने स्थिति से कराया अवगत


European MP will visit Kashmir, Prime Minister and Doval made him aware of the situation

 

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल के पहले कश्मीर दौरे के तहत 27 यूरोपीय सांसदों का एक दल मंगलवार को वहां की यात्रा करेगा.

यूरोपीय संसद के इन सदस्यों ने अपनी दो दिवसीय कश्मीर यात्रा के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बताया कि आतंकवाद का समर्थन और उसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि आतंकवाद को लेकर कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सांसदों को पाकिस्तान से पनपने वाले सीमा पार आतंकवाद, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के दर्जे में किए गए संवैधानिक बदलाव और घाटी की स्थिति से अवगत कराया।

डोभाल ने यूरोपीय सांसदों के लिए दोपहर का भोज दिया. इसमें कुछ कश्मीरी नेता भी शामिल हुए जिनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर बेग, पूर्व पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी, राज्य में प्रखंड विकास परिषद (बीडीसी) के कुछ नव-निर्वाचित सदस्य और रीयल कश्मीर फुटबॉल क्लब के सह- मालिक संदीप चट्टू भी शामिल थे.

अगस्त में सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल की यह पहली यात्रा है. यह यात्रा कश्मीर की स्थिति पर यूरोपीय संसद में हुई बहस के कुछ हफ्ते बाद हो रही है, जिसमें वहां की स्थिति को लेकर चिंता जताई गई थी.

अधिकारियों का यहां मानना है कि इस दौरे से सांसदों को पाकिस्तान के ‘झूठे विमर्श’ का शिकार होने के बदले खुद से चीजों को देखने का अवसर मिलेगा.

सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात करेगा. दो दिवसीय यात्रा के दौरान, वे राज्यपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं. उनके मीडिया के साथ बातचीत करने की भी संभावना है.

प्रतिनिधिमंडल में इटली के फुल्वियो मार्तुसिएलो, ब्रिटेन के डेविड रिचर्ड बुल, इटली की जियाना गैंसिया, फ्रांस की जूली लेंचेक, चेक गणराज्य के टामस डेकोवस्की, स्लोवाकिया के पीटर पोलाक और जर्मनी के निकोलस फेस्ट शामिल हैं.

डेकोवस्की ने कहा, ‘यह (अनुच्छेद 370 का हटाया जाना) भारत का आंतरिक मामला है क्योंकि कश्मीर इसका हिस्सा है. यह भारत सरकार का विशेषाधिकार है कि वह आंतरिक फैसला करे। हम इस पर भारत के साथ हैं.’

डेकोवस्की ने पिछले महीने यूरोपीय संसद के मासिक समाचार पत्र में अपने एक लेख में कहा था कि अनुच्छेद 370 के हटाए जाने से कश्मीर में सक्रिय कई आतंकवादी संगठनों को जड़ से उखाड़ने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा, ‘उस लेख के बाद मुझे पाकिस्तान से कई नफरत भरे मेल मिले.’

पोलाक ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान दोनों को इस क्षेत्र में तनाव से बचने के लिए बातचीत करनी चाहिए.’

एक अन्य सांसद ने कहा कि डोभाल द्वारा दी गई जानकारी काफी ‘सूचनात्मक’ थी.


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