एएमयू: पुलिस ने कहा, राजद्रोह का मुकदमा चलाने लायक सबूत नहीं
राजद्रोह के आरोप का सामना कर रहे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के 14 छात्रों के खिलाफ अब तक एकत्र सबूत उनपर लगे इल्जाम को सही साबित करते नहीं दिख रहे हैं. जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने यह बात कही है.
कुलहरि ने संवाददाताओं से कहा, ”घटना के मामले में अब तक एकत्रित किसी भी सबूत से छात्रों पर लगा राजद्रोह का आरोप साबित नहीं होता है.”
उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में अभी और सबूत इकट्ठा कर रही है. अगर देशद्रोह के आरोप के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं मिलता है तो मुकदमे में इससे संबंधित धारा को हटा दिया जाएगा.
भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मुकेश लोधी की शिकायत पर एएमयू के 14 छात्रों के खिलाफ राजद्रोह और हत्या के प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था.
मुकेश लोधी ने आरोप लगाया था कि वह एएमयू परिसर से सटे इलाके से गुजर रहे थे, तभी यूनिवर्सिटी के छात्रों की अराजक भीड़ ने उन्हें घेर लिया और देश विरोधी नारेबाजी करते हुए उनपर हमला किया.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस एएमयू के
ऐसे 55 छात्रों की सूची तैयार कर रही है
जिनके खिलाफ जल्द ही गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा. उसके बाद वह एएमयू प्रशासन
से उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहेंगे.
एएमयू के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि मुकेश लोधी ने पिछले हफ्ते यूनिवर्सिटी के कुलपति को धमकी दी थी. लोधी ने कहा था कि अगर अगले 15 दिन के अंदर एएमयू परिसर में एक मंदिर बनाने
के लिए जगह नहीं दी गई तो वह खुद ही निर्माण कार्य शुरू कर देंगे.
इस बीच, छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने का विरोध कर रहे एएमयू छात्र संघ के नेताओं ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति की शिकायत पर इतनी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया, जो खुद परिसर का माहौल खराब करना चाहता है. अफसोस की बात तो यह है कि इस मामले में उसके खिलाफ दर्ज शिकायत पर पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.”