पूर्व CJI ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निष्पक्षता के सिद्धांतो से समझौता किया: जस्टिस कुरियन जोसेफ


ex cji compromised independence and impartiality of judiciary says ex sc judge

 

‘राज्य सभा में खुद को मनोनीत किए जाने को पूर्व चीफ जस्टिस द्वारा स्वीकारे जाने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता में जनता का विश्वास कमजोर हुआ, न्यायपालिका की स्वतंत्रता हमारे संविधान का मूल आधार भी है.’ यह बात सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कही.

रिटायर्ड जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि वे इस कदम से स्तब्ध हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के पवित्र सिद्धातों के साथ समझौता किया है.

इससे पहले जस्टिस लोकुर ने भी पूर्व सीजेआई को राज्य सभा के लिए मनोनीत किए जाने के कदम पर हैरानी जताते हुए कहा कि इस कदम ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता, ईमानदारी और निष्पक्षता को नए तरीके से परिभाषित किया है. उन्होंने सवाल किया क्या आखिरी किला भी ढह गया है?

जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि जब न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा खत्म होने लगता है, जब उन्हें लगने लगता है कि जज निष्पक्ष नहीं है, तब देश की मजबूत नींव भी कमजोर पड़ने लगती है.


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