पूर्व जस्टिस पीसी घोष बनाए गए देश के पहले लोकपाल


Ex-top court judge Justice PC Ghose tipped to be country's first Lokpal

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देश के पहले लोकपाल के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को नियुक्ति किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति ने उनके नाम पर मुहर लगाई है.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को चयन समिति की बैठक का बहिष्कार किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी को लोकपाल सर्च कमेटी के लिए उन नामों के पैनल भेजने के लिए फरवरी के अंत की समयसीमा तय की थी जिन्हें उसके चेयरमैन और सदस्य के रूप में नियुक्त करने पर विचार किया जा सके.

लोकपाल कानून 2013 में पारित किया गया था जो कुछ श्रेणियों के लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति का प्रावधान करता है.

कोई भी व्यक्ति जो भारत का चीफ जस्टिस या सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस है या रहा है वह लोकपाल के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र है.

नियमों के अनुसार लोकपाल पैनल में एक चेयरमैन और अधिकतम आठ सदस्य होने का प्रावधान है. इनमें से चार न्यायिक सदस्य होने चाहिए.

लोकपाल चयन समिति का नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं और इसके सदस्यों में लोकसभा अध्यक्ष, निचले सदन में विपक्ष के नेता, भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित सुप्रीम कोर्ट का कोई जस्टिस और एक प्रतिष्ठित न्यायविद जिसे राष्ट्रपति या किसी अन्य सदस्य द्वारा नामित किया जा सकता है.


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