कानून उल्लंघन के आरोप में 1807 एनजीओ का एफसीआरए पंजीकरण रद्द


fcra title cancelled of many ngo due to law violation

 

इस साल कानून का उल्लंघन करते पाए गए 1,800 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों और शिक्षण संस्थानों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और उनके विदेशी धन प्राप्त करने पर रोक लगा दी गई है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

विदेशी योगदान (नियमन) कानून (एफसीआरए) के तहत जिन संस्थानों और संगठनों का पंजीकरण रद्द किया गया है, उनमें राजस्थान विश्वविद्यालय, इलाहाबाद कृषि संस्थान, यंग मेन्स क्रिश्चियन एसोसिएशन, गुजरात और स्वामी विवेकानंद एजुकेशनल सोसाइटी, कर्नाटक भी शामिल हैं.

मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ”एफसीआरए पंजीकरण को रद्द किए जाने के साथ ही इन सभी एनजीओ और शिक्षण संस्थानों के विदेशी धन प्राप्त करने पर रोक लगा दी गई है.”

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यत: बार-बार याद दिलाए जाने के बावजूद छह साल तक वार्षिक आयकर और विदेशी धन के संबंध में खर्च का ब्योरा जमा ना करने की वजह से इन संगठनों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया गया है.

एफसीआरए दिशा-निर्देशों के अनुसार संगठनों को वित्त वर्ष के पूरा होने के नौ महीने के भीतर हर साल आय और व्यय के ब्योरे, रसीदों और भुगतान खाते, बही खाते इत्यादि की स्कैन प्रतियों के साथ एक ऑनलाइन वार्षिक रिपोर्ट जमा करनी होती है.

जिन संगठनों को किसी विशिष्ट वर्ष में विदेशी योगदान नहीं मिलता, उन्हें भी उक्त अवधि के तहत उस वित्त वर्ष के लिए ‘निल’ रिटर्न भरना होता है.

अन्य जिन संस्थानों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया गया है, उनमें इंस्टिट्यूट ऑफ पल्मोकेयर एंड रिसर्च, पश्चिम बंगाल, नेशनल जीयोफिजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट, तेलंगाना, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, महाराष्ट्र, रबींद्रनाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च, पश्चिम बंगाल और बैप्टिस्ट क्रिश्चियन एसोसिएशन, महाराष्ट्र भी शामिल हैं.

इस साल कुल 1,807 संगठनों और संस्थानों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द करने के साथ ही एक अन्य संगठन, बेंगलूरू स्थित एनजीओ इन्फोसिस फाउंडेशन का पंजीकरण खुद इस संगठन के ”आग्रह” पर रद्द कर दिया गया.

इससे पहले इन्फोसिस फाउंडेशन के एक अधिकारी ने कहा था कि उनका एफसीआरए पंजीकरण गृह मंत्रालय को खुद संगठन द्वारा भेजे गए आग्रह पर रद्द किया गया.


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