मशहूर अभिनेता, नाटककार और लेखक गिरीश कर्नाड का निधन


film actor girish karnad passes away

 

मशूहर अभिनेता,लेखक और नाटककार गिरीश कर्नाड का आज सुबह बेंगलुरु में निधन हो गया. वे 81 साल के थे और लम्बे समय से बीमार थे. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमरास्वामी ने गिरीश कर्नाड की मौत पर राज्य में तीन दिन का शोक और एक दिन का अवकाश घोषित किया है.

गिरीश को उनके पूरे करियर के दौरान अनेक सम्मानों से नवाजा गया. सबसे पहले 1974 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया, इसके बाद 1992 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण प्रदान किया. 1998 में उन्हें साह‍ित्य का प्रत‍िष्ठ‍ित ज्ञानपीठ अवॉर्ड भी मिला.

उन्होंने अपना पहला नाटक, ययाति पर साल 1961 में लिखा. ये एक पौराणिक राजा की कहानी पर केंद्रित था. अगला नाटक तुगलक साल 1964 में 14वीं सदी के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक की कहानी पर आधारित था. इसमें उनका अभिनय देखते ही बनता था.

इसके बाद उन्होनें चार दशक तक नाटकों के लिए जमकर काम किया. कर्नाड ने अंग्रेजी के भी कई प्रतिष्ठित नाटकों का अनुवाद किया. कर्नाड के नाटक कई भारतीय भाषाओं में अनुवादित हुए. उन्होंने हिंदी और कन्नड़ सिनेमा में अभिनेता, निर्देशक और स्क्रीन राइटर के तौर पर काम किया.

उन्हें कन्नड़ साहित्य के अग्रणी नाटककारों में से एक माना जाता है. इनमें 1961 में ययाति, 1972 में हयवदन और 1988 में नागामंडल तथा 1964 में लिखा गया नाटक तुगलक शामिल है.

गिरीश ने कन्नड़ फिल्म संस्कार में साल 1970 में अपना एक्टिंग और स्क्रीन राइटिंग डेब्यू किया था. इस फिल्म ने कन्नड़ सिनेमा का पहला प्रेजिडेंट गोल्डन लोटस अवार्ड जीता था. उन्होंने हिन्दी सिनेमा में पहली फिल्म में साल 1974 में काम किया था.

बहुमुखी लेखक और नाटककार ने टर्निंग पॉइंट नामक दूरदर्शन पर एक साप्ताहिक विज्ञान कार्यक्रम की मेजबानी भी की.

गिरीश कर्नाड को सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर और टाइगर जिंदा है के लिए भी जाना जाता है. इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड फिल्म निशांत, शिवाय और चॉक एन डस्टर में भी काम किया था.


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