BHEL के लिए रिजर्व 400 एकड़ जमीन पतंजलि को देगी महाराष्ट्र सरकार
महाराष्ट्र सरकार ने पतंजलि समूह के प्रमोटर रामदेव को लातूर जिले में पतंजलि का कारखाना स्थापित करने के लिए जमीन देने का प्रस्ताव दिया है. ख़बरों के अनुसार, यह जमीन पहले भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के लिए रिजर्व थी. सरकार की ओर से इस सिलसिले में स्टैंप ड्यूटी खत्म करने का भी प्रस्ताव दिया गया है.
सोमवार को एक अधिकारी ने जानकारी दी कि उस जमीन पर एक सोयाबीन प्रोसेसिंग यूनिट लग सकता है.
26 जून को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रामदेव को पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने लिखा है, “किसी भी लघु और मझोले उद्योग (एमएसएमई) से जुड़े प्रोजेक्ट पर 100 फीसदी स्टैंप ड्यूटी की छूट मिलेगी. इसके साथ ही कुछ दिन के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी पर भी छूट मिलेगी. इसके अलावा जीएसटी पर रिफंड भी दिया जाएगा.”
ख़बरों के मुताबिक लगभग 400 एकड़ जमीन जो भेल के लिए थी, अब पतंजलि के नाम होने वाली है.
लगभग 10 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता स्व. विलासराव देशमुख ने औसा तहसील में भेल के लिए जमीन रिजर्व की थी. हालांकि इस जमीन पर प्रस्तावित प्लांट कभी बन नहीं पाया.
अधिकारियों के मुताबिक, “हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि औसा में पतंजलि का कौन सा प्लांट लगेगा, लेकिन माना जा रहा है कि सोयाबीन प्रोसेसिंग यूनिट लगाया जा सकता है. लातूर कृषि उत्पादों के लिए बड़ा बाजार है. इस जिले में पहले से दो अन्य सोयाबीन प्रोसेसिंग यूनिट हैं. इसलिए संभावना है कि पतंजलि भी कुछ उसी तरह का यूनिट लगाएगी.”
इससे पहसे 21 जून को फडणवीस ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर रामदेव के साथ स्टेज साझा किया था.