फ्रांस: हिंसक प्रदर्शन चरम पर, इमरजेंसी के आसार


french protest gone hyper, government considers state of emergency

 

फ्रांस इन दिनों हिंसक प्रदशर्नों की आग में जल रहा है. प्रदर्शन इतने हिंसक और व्यापक हो चुके हैं कि फ्रांस सरकार इमरजेंसी लगाने पर विचार कर रही है. द गार्डियन समाचार पत्र ने एक सरकारी प्रवक्ता के हवाले से बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने का आग्रह किया है. अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो सरकार हिंसा को रोकने के लिए इमरजेंसी जैसे उपायों पर विचार करेगी.

पेरिस की गलियों में पीली जैकेट पहनें और मास्क लगाये प्रदर्शनकारी जमकर हिंसा कर रहे हैं. डीजल-पेट्रोल पर बढ़े हुए टैक्स को लेकर शुरू हुए इन प्रदर्शनों को गिलेट्स जाउनस (पीली जैकेट) कहा जा रहा है. बीते दो हफ्तों से चल रहे यह प्रदर्शन इस दशक के सबसे हिंसक प्रदर्शन हैं.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि उनकी सरकार हिंसा को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी. गौरतलब है कि बीते शनिवार को पेरिस में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़पें हुई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया. बैंको में आगजनी की गई और कई घरों में भी आग लगा दी गई.

इन हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस दौरान 100 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं. जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है.

फ्रांस सरकार के लिए सिरदर्द बन चुके ‘गिलेट्स जाउनस’ को जनसाधारण का व्यापक समर्थन प्राप्त है. इससे पहले फ्रांस की गृहमंत्री क्रिस्टोफ कास्टानेयर ने आरोप लगाया था कि प्रदर्शनकारी दक्षिणपंथी नेता ले पेन के प्रभाव में हैं. गृहमंत्री का आरोप था कि ली पेन ही हिंसक प्रदर्शनों के लिए जिम्मेदार हैं. ट्विटर पर दिये गए बयान में क्रिस्टोफ ने मेरीन ले पेन पर बेईमानी का आरोप लगाया है.


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