सरकार सीवीसी की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करें: मल्लिकार्जुन खड़गे


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लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जु्न खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि एम नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति ‘गैर कानूनी’ है. और जांच एजेंसी के नए प्रमुख की नियुक्ति के लिए चयन समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए.

खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा है कि आलोक वर्मा मामले में सीवीसी की जांच रिपोर्ट, जस्टिस एके पटनायक की जांच रिपोर्ट और चयन समिति की बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए. ताकि जनता इस मामले में खुद निष्कर्ष तक पहुंच सके.

खबरों के मुताबिक, जस्टिस पटनायक ने कहा कि आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के कोई साक्ष्य नहीं हैं.

उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मामले में सरकार के कदमों से संकेत मिलता है कि वह नहीं चाहती कि सीबीआई एक स्वतंत्र निदेशक के तहत काम करें.

पिछले 10 जनवरी को हुई चयन समिति की बैठक में खड़गे ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने का विरोध किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक समिति ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था. इसके अगले दिन शुक्रवार को वर्मा ने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया.

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1979 बैच के अधिकारी आलोक वर्मा का तबादला महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा के पद पर कर दिया गया था. लेकिन उन्होंने पदभार ग्रहण करने से पहले नौकरी से इस्तीफा दे दिया था.

सीबीआई डायरेक्टर के पद पर वर्मा का दो वर्षों का कार्यकाल अगले 31 जनवरी को पूरा होने वाला था. लेकिन इससे 21 दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने 2-1 के बहुमत से वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने का फैसला किया था.

इस समिति में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी भी शामिल थे. मोदी और जस्टिस सीकरी का फैसला वर्मा को पद से हटाने के पक्ष में थे जबकि खड़गे ने इसका विरोध किया था.


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