हीलियम टैंक में दबाव कम होने के चलते नहीं हो पाया था चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण


india launches chandrayan two to the south pole of moon

 

बीते हफ्ते चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को अंतिम समय में टाल दिया गया था. इसके पीछे की वजह तकनीकी खराबी को बताया गया था. अब खबरें आ रहीं हैं कि ये तकनीकी खराबी जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट के हीलियम टैंक में दबाव के अचानक गिरने के चलते आई थी.

बीती 15 जुलाई को प्रस्तावित इस प्रक्षेपण को अंतिम समय से सिर्फ एक घंटे पहले रोक दिया गया था. उस वक्त इसरो ने इसे तकनीकी खराबी बताया था. लेकिन वजह साफ नहीं हो पाई थी.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ट्वीट किया था, “प्रक्षेपण यान प्रणाली में टी-56 मिनट पर तकनीकी खामी दिखी. एहतियात के तौर पर चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज के लिए टाल दिया गया है. नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.”

अब इसरो ने कहा है कि विशेषज्ञों ने इस खामी की पहचान कर उसे ठीक कर दिया है. चंद्रयान-2 अब उड़ान भरने के लिए तैयार है. पिछले हफ्ते वैज्ञानिक इसकी पहचान करने में असफल रहे थे. अब ये 22 जुलाई को उड़ान भरेगा.

इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया, “एक हीलियम टैंक में दबाव कम होता देखा गया. ये तब हुआ जब इस टैंक में क्रायोजनिक ईंधन भरा जा रहा था. ये ईंधन बहुत अधिक ठंडा होता है, ये -100 डिग्री सेल्सियस से नीचे होता है. कम तापमान होने के चलते इसके आस-पास का तापमान भी गिर गया था.”

चंद्रयान-2 साल 2008 में प्रक्षेपित चंद्रयान-1 की ही अगली कड़ी है.

चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का अध्ययन करने वाला पहला अभियान होगा. ये एक आर्बिटर और लैंडर से मिलकर बना है. इसके लैंडर का नाम मशहूर अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है.

इसके रोवर का नाम प्रज्ञान रखा गया है, जिसका अर्थ बुद्धिमत्ता होता है. इस मिशन में प्रयोग किए जा रहे अंतरिक्ष यान का कुल भार 3,877 किलो है. ये पिछले यान से करीब चार गुना है.

इसे जीएसएलवी मार्क-3 से लांच किया जाएगा. ये रॉकेट भारतीय अंतरिक्ष एंजेसी इसरो का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है.

चंद्रयान-1 ने अपना लैंडर चंद्रमा पर गिराया था, जबकि इस अभियान में पूरी यूनिट को आराम से उतारा जाएगा. विक्रम को चंद्रमा पर मौजूद दो क्रेटर के बीच समतल भूमि पर उतारा जाएगा.

इस अभियान की लागत 978 करोड़ रुपये है. अभियान में प्रयोग किए जा रहे लैंड-रोवर की संभावित आयु 14 दिन है, जबकि इसका आर्बिटर एक साल तक सक्रिय रहेगा.


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