गुजरात के बंदरगाहों पर आंतकवादी घुसपैठ के मद्देनजर हाई अलर्ट


High alert in view of terrorist infiltration at ports of Gujarat

 

समुद्र के रास्ते आतंकवादियों की संभावित घुसपैठ की खुफिया जानकारी मिलने के बाद गुजरात पुलिस ने कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है.

यह कदम समुद्री रास्ते से संभावित आतंकवादी हमले की भारतीय नौसेना की चेतावनी के कुछ दिन बाद उठाया गया है.

मुंद्रा बंदरगाह का संचालन अडानी समूह करता है और यह देश के बड़े बंदरगाहों में से एक है. क्षमता के लिहाज से यह पिछले साल शीर्ष पर था. सरकारी कांडला बंदरगाह में वृहत स्तर पर चीजों को ले जाने और लाने की सुविधा है. यह दोनों बंदरगाह अरब सागर में कच्छ की खाड़ी में है और पाकिस्तान के निकट है.

इस क्षेत्र में कई और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान हैं. यहां जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से चलनेवाला दुनिया का सबसे बड़ा तेलशोधक कारखाना है. इसके अलावा इसी तरह की एक सुविधा वाडीनार में है जिसका संचालन रूसी कंपनी रोजनेफ्त करती है.

पुलिस महानिरीक्षक (सीमा रेंज) डीबी वाघेला ने कहा, “हमें समय-समय पर आतंकवादियों की संभावित घुसपैठ की खुफिया जानकारी मिलती है और हमने कांडला बंदरगाह समेत अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी है.”

उन्होंने कहा, “वास्तव में सुरक्षा व्यवस्था 15 अगस्त से पहले ही बढ़ा दी गई थी. अभी विशेष तौर पर आतंकवादियों के गुजरात में प्रवेश की कोई जानकारी नहीं है लेकिन सामान्य जानकारी है कि समुद्री मार्ग के जरिए आतंकवादी घुस सकते हैं.”

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि कच्छ जिले में मुंद्रा बंदरगाह भी महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है और यहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है.

अंजर के पुलिस उपाधीक्षक धनंजय वघेला ने संवाददाताओं से कहा कि खुफिया जानकारी और गुजरात पुलिस महानिदेशक की ओर मिले निर्देश के अनुसार कच्छ के सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

उन्होंने बताया, “हमें यह जानकारी मिली थी कि आतंकवादी समुद्री मार्ग के जरिए प्रवेश कर सकते हैं.”

अधिकारी ने बताया कि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने गश्त बढ़ा दी है और समुद्री पुलिस बल को भी कार्य में लगा दिया गया है.

डिप्टी चीफ ऑफ द नवल स्टाफ मुरलीधर पवार ने कहा कि तटीय रक्षा उपायों को मजबूत कर दिया गया है और सुरक्षा बल किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए कड़ी सतर्कता बरत रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ा हुआ है.


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