हाई कोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्ति कॉलेजियम सिफारिश के छह महीने में: SC


review petition filed in ayodhya verdict

 

सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न हाई कोर्ट में न्यायाधीशों के 1,079 स्वीकृत पदों के मुकाबले 410 पद रिक्त होने को गंभीरता से लेते हुए आदेश दिया है कि ये नियुक्तियां किसी व्यक्ति के नाम को कॉलेजियम और सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के छह महीने के भीतर की जानी चाहिए.

जस्टिस एस के कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने छह दिसंबर के अपने आदेश में कहा, ”ऐसे मामलों में जिनमें हाई कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम और सरकार की मंजूरी से मिलती है, कम से कम उनमें नियुक्तियां छह महीने के भीतर होनी चाहिए.”

पीठ ने कहा, ”पूरे भारत के आंकड़ों से पता चलता है कि हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की 1079 मंजूर संख्या के मुकाबले कार्यरत संख्या केवल 669 है. 410 रिक्तियां हैं. 213 सिफारिशों के सरकार या हाई कोर्ट के कॉलेजियम के पास प्रक्रिया में होने की बात कही गई है जबकि 197 रिक्तियों के लिए हाई कोर्ट कॉलेजियम से सिफारिशें अभी प्राप्त होनी बाकी हैं.”

शीर्ष अदालत की सहायता कर रहे अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि इन रिक्तियों को भरकर ”एक छोटी सी शुरूआत की जानी वांछित है.”

पीठ उड़ीसा से स्थानांतरित होकर आई एक अर्जी पर सुनवाई कर रही थी जहां वकील राज्य के अन्य हिस्सों में हाई कोर्ट की सर्किट पीठों की मांग को लेकर कई जिलों में हड़ताल पर हैं.


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