इतिहासकारों ने लोगों के संघर्ष को किया अनदेखा: प्रधानमंत्री


 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोलकाता में कहा कि स्वतंत्रता के बाद लिखे गए इतिहास ने कई महत्वपूर्ण अध्यायों की अनदेखी की है. उन्होंने कहा कि इतिहासकारों ने भारत के इतिहास को सत्ता के संघर्ष, उत्तराधिकार की लड़ाई और उससे जुड़े हिस्सों तक ही सीमित कर के देखा जबकि ये ध्यान नहीं दिया कि इन कठिन समय में लोगों के क्या संघर्ष किए.

प्रधानमंत्री कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150 वीं वर्षगांठ समारोह में हिस्सा लेने के लिए दो दिन के लिए कोलकाता में हैं. प्रधानमंत्री ने कल एक समारोह के दौरान तीन पुनर्विकसित धरोहर भवनों- ओल्ड करेंसी बिल्डिंग, बेल्वेदेरे हाउस और मेटकॉफ हाउस को राष्ट्र को समर्पित किया.

ये समारोह करेंसी बिल्डिंग में हुआ. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में 1903 में प्रेस के लिए लिखी रविंद्रनाथ टैगोर की कुछ पंक्तियों को भी दोहराया कि राजनीति लगातार बदलती रहती है और किसी सभ्यता में कला और संस्कृति उसका असल इतिहास बताती है.

अपने 20 मिनट लंबे भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हम भारत को धरोहर पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए दुनिया के सामने अपने देश की धरोहर दिखाना चाहते हैं. धरोहर पर्यटन पश्चिम बंगाल के साथ-साथ भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने का काम करेगा, साथ ही रोजगार के भी नए अवसर मिलेंगे.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश के पांच प्रमुख म्यूजियम को अंत्तरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर बनाया जाएगा. इसकी शुरुआत विश्व के सबसे पुराने म्यूजियम में से एक, इंडियन म्यूजिम कोलकाता से की जा रही है.’

उन्होंने कहा कि देश के पांच प्रतिष्ठित संग्रहालयों को अंतरराष्ट्रीय मानक के आधार पर विकसित किया जाएगा, कोलकाता में भारतीय संग्रहालय से शुरुआत होगी.

इस समरोह में हिस्सा लेने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच कोलकाता पहुंचे हैं जिसे देखते हुए शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया है.


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