कंपनी एचआईवी संक्रमित महिला को दोबारा नौकरी दे : कोर्ट
पुणे की लेबर कोर्ट ने एचआईवी होने की वजह से नौकरी से निकाली गई महिला को वापस नौकरी पर रखने पर रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह महिला को वापस नौकरी पर रखे और निकलाने जाने के बाद से अब तक का सारा वेतन दे.
करीब तीन साल पहले एचआईवी संक्रमण होने की वजह से कम्पनी ने महिला से जबरन इस्तीफा लिया था.
लेबर कोर्ट की पीठासीन अधिकारी कल्पना फटांगरे ने अक्टूबर में यह आदेश सुनाते हुए फार्मास्युटिकल कंपनी से महिला की नौकरी बहाल करने, अभी तक का पूरा वेतन देने और दूसरे लाभ देने को कहा था.
महिला ने कोर्ट को बताया कि एचआईवी की जानकारी मिलने के बाद, कंपनी से मेडिकल बेनिफिट लेने के लिए महिला ने अपने डॉक्यूमेंट कंपनी में जमा कराए.
उन्होंने बताया कि महिला को एचआईवी होने की बात पता चलने के बाद एचआर अधिकारियों ने उस पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला, जबकि महिला ने उन्हें आशवस्त कराया कि वह काम करने के लिए मानसिक और शारीरिक तौर पर तंदुरुस्त है और काम करते समय सभी जरूरी बचावों का ध्यान रख रही है. साल 2015 में कंपनी के लगातार दबाव के बाद महिला ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था.
महिला ने कहा कि एचआईवी पॉजीटिव होने की वजह से कंपनी ने उसके साथ भेदभाव किया. उन्होंने कहा कि उन्हें नौकरी, सामाजिक-आर्थिक सहयोग और गैर पक्षपातपूर्ण रवैए की जरूरत है.