हांगकांग: लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता जोशुआ वोंग जेल से रिहा


this weekend is going to be important for hong kong protestors

 

हांगकांग में विवादित प्रत्यर्पण विधेयक के विरोध में प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है. और चीन के सरकारी मीडिया ने इस पर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है.

बीते रविवार को प्रदर्शनों के बारे में न तो चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के मुख्य समाचार बुलेटिनों में दिनभर कोई खबर आई. ना ही सोशल मीडिया मंचों पर रैली का जिक्र या कोई तस्वीर दिखाई दी.

हांगकांग की सरकार को विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर विरोध का सामना करना पड़ रहा है. प्रदर्शनों का सिलसिला थम नहीं रहा है और कहीं-कहीं तो हिंसा भी हुई जिसके चलते इस विधेयक को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया.

आलोचकों को आशंका है कि बीजिंग समर्थित इस कानून से लोग चीन की अपारदर्शी और राजनीतिक रूप से प्रभावित अदालतों में फंसेंगे. इससे शहर की छवि को नुकसान होगा जो अब तक सुरक्षित व्यावसायिक केंद्र की रही है.

मध्य हांगकांग में रविवार को विवादास्पद प्रत्यर्पण विधेयक के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारी इस दौरान ‘बुरे कानून को वापस लो’ जैसे नारे लगा रहे थे और हांगकांग की मुख्य प्रशासक कैरी लाम के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.

उधर हांगकांग के प्रमुख लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता जोशुआ वोंग में जेल से रिहा हो गए हैं. इसके तुरंत बाद वो फिर से प्रदर्शनों में शामिल हो गए. जोशुआ वोंग ने शहर की बीजिंग समर्थक नेता कैरी लाम से इस्तीफा देने की मांग की है.

आयोजकों ने बताया कि करीब 20 लाख लोगों ने रविवार को भीषण गर्मी में कैरी लाम के इस्तीफे की मांग को लेकर मार्च किया.

साल 2014 में लोकतंत्र समर्थक ‘अम्ब्रेला मूवमेंट’ प्रदर्शन के पोस्टर पर छाने वाला बच्चा लाम के इस्तीफे की मांग करने वाले लोगों में नई आवाज है. उसे इन प्रदर्शनों का नेतृत्व करने पर दी गई सजा से रिहा कर दिया गया है.


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