अमजद खान कैसे बने बॉलीवुड के गब्बर?
अमजद खान हिन्दी सिनेमा के मशहूर खलनायकों में से एक थे. फिल्म शोले में गब्बर का किरदार निभाकर अमजद खान ने इस किरदार को अमर कर दिया. आज भी गब्बर के डायलॉग को याद किया जाता है. अमजद खान का जन्म 12 नवंबर 1940 को पाकिस्तान के पेशावर में जाने-माने अभिनेता जकारिया खान के घर हुआ.
अमजद खान के फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1951 में बाल कलाकार के रूप में फिल्म ‘नाजनीन’ से हुई. इस दौरान उनकी दिलचस्पी फिल्मों बढ़ती रही. साल 1963 में उन्होंने मशहूर निर्देशक के आसिफ के साथ ‘लव एंड गॉड’ में सहायक निर्देशक के रूप में काम किया. लेकिन इसी बीच के आसिफ का निधन हो गया, जिसके चलते फिल्म पूरी नहीं हो सकी.
बाद में यह फिल्म साल 1986 में रिलीज हुई. इस बीच अमजद खान चोर पुलिस फिल्म में भी नजर आए. अमजद खान को साल 1973 में ‘हिन्दुस्तान’ की कसम फिल्म मिली. इसके बाद अमजद को ‘शोले’ मिली, जिसमें उन्होंने विलन का किरदार निभाया. लेकिन कौन जानता था कि ये किरदार सभी को हिलाकर रख देगा. शोले सुपर हिट साबित हुई. इसके बाद अमजद खान को हिन्दी सिनेमा में एक अलग पहचान मिली.
अमजद खान से पहले गब्बर का किरदार डैनी डेन्जोंगपा को मिला था. डैनी ने आखिरी मौके पर फिल्म में काम करने से मना कर दिया था.
अमजद खान हिंदी ही नहीं बल्कि अंग्रेजी, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में भी काम किया था. उन्होंने कसम खून की, परवरिश, इंकार, कसमें-वादे, कालिया, नसीब, याराना, सत्ते पे सत्ता और लव स्टोरी जैसी सुपर हिट फिल्मों में भी अभिनय किया. 51 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से 27 जुलाई 1992 को अमजद खान का निधन हो गया.