महुआ मोइत्रा ने जी टीवी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा


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तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने जी टीवी और उनके संपादक सुधीर चौधरी के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है. मोइत्रा ने जी टीवी और उनके संपादक पर लोकसभा में दिए गए उनके भाषण की गलत रिपोर्टिंग का आरोप लगाया है. हालांकि लोकसभा के सभापति ओम बिड़ला ने उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

मोइत्रा ने संसद में तीखे शब्दों में मोदी सरकार की आलोचना की थी और उनपर फासीवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था.

मोइत्रा ने एक बयान में कहा, “साहित्यिक चोरी तब है जब कोई अपने स्रोत का खुलासा न करे . मेरे बयान में स्रोत का स्पष्ट रूप से जिक्र है, जो राजनीतिक विज्ञानी डॉ. लॉरेंस डब्ल्यू ब्रिट द्वारा तैयार होलोकास्ट म्यूजियम था जिसमें शुरुआती फासीवाद के 14 संकेत का उल्लेख है.” उन्होंने कहा, “मैंने भारत के लिये सात संकेतों को प्रासंगिक पाया और उनमें से प्रत्येक का विस्तार से जिक्र किया.”

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने उन पर लगे साहित्यिक चोरी के आरोपों को लेकर निराशा व्यक्त की और आरोपों के लिये भाजपा की “ट्रोल सेना” को जिम्मेदार ठहराया है. उनका “फासीवाद के सात चिन्ह” विषय पर संसद में पिछले हफ्ते दिया गया भाषण वायरल हो गया था.

वॉशिंगटन मंथली के एक लेख को उद्धृत करते हुए एक ट्वीट आजकल चर्चा में है जिसमें आरोप लगाया गया है कि टीएमसी सांसद ने लोकसभा में अपने बयान का कुछ हिस्सा ‘फासीवाद के शुरुआती 12 संकेत’ नाम से प्रकाशित लेख से लिया था जो अमेरिका और राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के संदर्भ में था.

पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से पहली बार चुनकर आयीं सांसद ने कहा कि लेख ने उसी पोस्टर को उद्धृत किया है जिसका संदर्भ उन्होंने अपने बयान में दिया है.

मोइत्रा ने कहा, “मेरा बयान दिल से था और हर भारतीय जिसने इसे साझा किया उसने अपने दिल से ऐसा किया. यह स्वाभाविक था न कि कृत्रिम रूप से नियंत्रित. मैं फिर दोहराती हूं…‘बांधने मुझे तू आया है, जंजीर बड़ी क्या लाया है ?”

पूर्व निवेश बैंकर 42 वर्षीय सांसद का 25 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सदन में दिया गया भाषण सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा था.


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