आईएएस गोपीनाथन ने नोटिस के बावजूद ड्यूटी पर वापस जाने से मना किया
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जम्मू कश्मीर के लोगों को ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ न दिए जाने के मुद्दे पर प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे चुके आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने ड्यूटी पर जाने मना कर दिया है.
इस्तीफा देने के बाद उन्हें तुरंत अपनी ड्यूटी पर वापस लौटने को कहा गया था.
गोपीनाथन इस्तीफा देने से पहले केंद्र शासित प्रदेश दादर और नागर हवेली में तैनात थे. 33 साल के इस अधिकारी को तुरंत प्रभाव से इस्तीफा मंजूर होने तक काम पर लौटने के लिए कहा गया था.
गोपीनाथन दादर और नागर हवेली के पावर एंड नॉन कन्वेंशनल ऑफ एनर्जी में सचिव पद पर कार्यरत थे. उन्होंने 21 अगस्त को केंद्र सरकार को अपना इस्तीफा सौंपा था. जिसके जवाब में उन्हें काम पर लौटने के लिए कहा गया था.
गोपीनाथन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, “मैं 29 अगस्त को ही सिलवासा से अपने घर केरल वापस आया हूं. मुझे यह भी पता चला है कि मेरे घर के दरवाजे के बाहर नोटिस चिपकाया गया है. यह एक आम विभागीय कार्यवाही के तहत भेजा गया नोटिस है, जिसमें मुझे फिर से काम को संभालने के लिए बोला जा रहा है, लेकिन में अपने फैसले पर कायम हूं.
27 अगस्त को जारी हुए नोटिस में दमन और दीव के कार्मिक विभाग के उप सचिव गुरप्रीत सिंह के हस्ताक्षर हैं.
चूंकि गोपीनाथन सिलवासा में मौजूद नहीं थे इसलिए नोटिस देने गए अधिकारियों ने उनके गेस्ट हाउस के कमरे के दरवाजे के बाहर नोटिस चिपका दिया. इससे पहले पिछले हफ्ते गोपीनाथ को गृह मंत्रालय द्वारा कारण बताओ नोटिस भेजा था जिसके जवाब में गोपीनाथ ने कहा था कश्मीर में जो हो रहा है वह स्वीकार्य नहीं है.
अपना इस्तीफा देने के बाद अधिकारी ने कहा था, “वह इस सेवा में इस उम्मीद में आए थे कि वह उन लोगों की आवाज बन सके जिन्हें खामोश कर दिया जाता है.” उन्होंने कहा था मुझे अपनी अभिव्यक्ति और स्वतंत्रता वापस चाहिए.