देश के 12 लाख हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र पर अवैध कब्जा


Illegal occupation of more than 12 lakh hectares of forest area of ​​the country

 

देश में लगभग 12.81 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र पर अवैध कब्जा हो चुका है. अनधिकृत कब्जे के दायरे में सर्वाधिक वनक्षेत्र वाले राज्य मध्य प्रदेश, असम और ओडिशा हैं. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत यह जानकारी दी है.

आरटीआई कार्यकर्ता आकाश वशिष्ठ के आरटीआई आवेदन पर मंत्रालय ने वन क्षेत्र पर अवैध कब्जे से जुड़े अगस्त 2019 तक के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि देश में 12,81,397.17 हेक्टेयर वन क्षेत्र विभिन्न प्रकार के अनधिकृत कब्जे के दायरे में आ गया है.

देश में कुल वन क्षेत्र लगभग 7.08 लाख वर्ग किमी है. यह देश के कुल क्षेत्रफल का 21.54 प्रतिशत है. सरकार ने मानकों के मुताबिक देश में वन क्षेत्र को 25 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है, जिससे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण से जुड़े पेरिस समझौते के तहत भारत, पेड़ों के माध्यम से तीन अरब टन कार्बन अवशोषण क्षमता हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा कर सके.

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वन क्षेत्रों में अवैध कब्जे के मामले में मध्य प्रदेश की स्थिति सबसे अधिक खराब है. राज्य में 5.34 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र पर अनधिकृत कब्जा है. यह राष्ट्रीय स्तर पर वन क्षेत्र के कब्जे का 41.68 प्रतिशत है. इसके बाद असम में 3.17 लाख हेक्टेयर और ओडिशा में 78.5 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र पर अवैध कब्जा है. वन क्षेत्र के कब्जे में इन तीनों राज्यों की हिस्सेदारी 72.52 प्रतिशत है.

मंत्रालय के जवाब के मुताबिक गोवा एकमात्र राज्य है, जो वन क्षेत्र पर कब्जे से मुक्त है. इसके अलावा केन्द्र शासित क्षेत्र अंडमान निकोबार, दादर नगर हवेली और पुदुचेरी में भी वन क्षेत्र पर अवैध कब्जे की मात्रा शून्य बतायी गयी है.

जंगलों में अवैध कब्जे की समस्या के समाधान के सवाल पर मंत्रालय ने बताया कि वन क्षेत्र को अवैध कब्जों से बचाने और कब्जे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्यों की है.

साथ ही मंत्रालय ने आजादी के समय देश के वन क्षेत्र की जानकारी देने से इंकार करते हुए कहा कि मंत्रालय ने राज्यवार वन क्षेत्र की रिपोर्ट बनाने का काम 1987 में शुरू किया था. इसलिये देश के राज्यों के वन क्षेत्र की 1947 की जानकारी मंत्रालय के पास नहीं है.


ताज़ा ख़बरें