आईएमए ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक को गरीब विरोधी बताया


57% doctors and 71% nurses post are vacant in Bihar

 

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन किया है. संघ ने प्रस्तावित विधेयक को ‘गरीब विरोधी’ करार दिया.

प्रदर्शन में बड़ी संख्या में डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने भाग लिया. इस दौरान दिल्ली में आईएमई के मुख्यालय और देश भर में इसकी 1,700 शाखाओं के बाहर प्रस्तावित विधेयक की प्रतियां जलाई गईं.

मेडिकल कॉलेजों में छात्रों ने ‘गरीब विरोधी’ विधेयक के खिलाफ भूख हड़ताल भी की.

आईएमए 29 जुलाई को एक ‘दिल्ली आंदोलन’ आयोजित करेगा. इस दौरान चिकित्सा से जुड़े लोग विधेयक में संशोधनों की अनिवार्यता को लेकर निर्माण भवन से जंतर-मंतर तक मार्च करेंगे.

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतनु सेन ने कहा कि मार्च का समापन छात्र संसद के साथ होगा. संघ ने कहा कि सरकार चिकित्सा से जुड़े लोगों की चिंताओं को दूर करने में नाकाम रही है.

आईएमए के अनुसार अगर विधेयक को मौजूदा स्वरूप में पारित किया गया तो यह फर्जी चिकित्सालयों को वैधता देगा.

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 की जगह लेगा.

विधेयक में चिकित्सकीय शिक्षा, पेशे और संस्थानों के सभी पहलुओं के विकास और नियमन के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद की जगह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन की व्यवस्था की गई है.

इसमें समिति को सलाह और सिफारिशें देने के लिए चिकित्सकीय सलाहकार परिषद के गठन की भी व्यवस्था की गई है.


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