अगस्त में ट्रकों की बिक्री में 60 फीसदी की गिरावट


Two lakh fine under the amended Motor Vehicles Act

 

देश के चार बड़े मध्यम और भारी व्यावसायिक वाहन निर्माता टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड, वॉल्वो इचर मेकर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के बिक्री बीते साल की तुलना में अगस्त में लगभग 60 फीसदी गिरकर 31,067 इकाई रही.

कंपनियां इन स्थितियों से निपटने के लिए उच्च टन ( 49 टन से अधिक) क्षमता वाले ट्रकों पर आठ-नौ लाख रुपये तक की भारी छूट दे रही हैं. जिसके बाद भी मांग बढ़ती हुई नहीं दिख रही है.

ऐसे में अब कंपनियां त्योहारों के मौसम से आस लगाए बैठी हैं. साथ ही उन्हें उम्मीद है कि एक अप्रैल 2021 से लागू होने वाले BSVI उत्सर्जन मनकों से पहले भी नए ट्रकों की खरीदारी में बढ़ोतरी आ सकती है.

मार्केट लीडर टाटा मोटर्स की अगस्त में बिक्री बीते साल की तुलना में 58 फीसदी घटकर 5,340 इकाई रही. वहीं दूसरी सबसे बड़ी कंपनी अशोक लेलैंड की बिक्री 70 फीसदी घटकर 3,336 इकाई रही.

वॉल्वो इचर व्यावसायिक वाहनों की बिक्री 41.7 और महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री 69 फीसदी घटी है.

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अध्यक्ष राजन वाधेरा ने कहा, “ट्रक उद्योग बहुत बुरे हालत में है. परिस्थितियां काफी निराशाजनक है. आठ से नौ लाख रुपये की छूट पहले कभी शायद ही दी गई है. जब तक उपभोग नहीं बढ़ता और अर्थव्यवस्था बेहतर नहीं होती तब तक बिक्री में बढ़ोतरी संभव नहीं.”

आईसीआरए में कॉर्पोरेट रेटिंग्स के सेक्टर प्रमुख और उपाध्यक्ष शमशेर दीवान ने कहा, “व्यावसायिक वाहनों की एक्स-शोरूम कीमत पर 10 से 15 फीसदी की छूट जारी रहेगी.”

दीवान ने कहा, “थोक बिक्री में कमी आई है क्योंकि सभी वाहनों की मांग में कमी आई है, जिसकी वजह से छूट आदि लगातार बढ़ी है. जो बड़े विक्रेता हैं वो ज्यादा से ज्यादा छूट देने की कोशिश कर रहे हैं.”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से घोषणाओं का क्षेत्र पर क्या असर होगा ये पूछे जाने पर वाधेरा ने कहा कि “ट्रक कोई रॉल्स रॉयस नहीं है, जो लोग खरीद कर उसकी नुमाइश करेंगे. जब तक उत्पादित वस्तुओं का यातायात नहीं बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर नहीं लौटेगी तब तक कोई भी ट्रकों में निवेश नहीं करेगा.”


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