सामूहिक बलात्कार मामले में दिल्ली महिला आयोग के दखल के बाद मामला दर्ज


gangrape with minor at Ongole in Andhra Pradesh

 

उत्तर प्रदेश में मेरठ मंडल के हापुड़ जिले में 29 साल की विवाहिता ने अपने साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने पर कथित तौर पर पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं करने से आहत होकर खुद को आग लगा ली थी.

मामले में दिल्ली महिला आयोग के दखल के बाद हापुड़ की बाबूगढ़ पुलिस ने सरपंच समेत 14 लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का नामजद मुकदमा दर्ज किया है.

पुलिस का कहना है कि मामला संदिग्ध है और अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है.

हापुड़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) यशवीर सिंह ने पीटीआई-भाषा को ‘दूरभाष’ पर बताया कि महिला खुद जली या उसे जलाया गया, यह जांच का विषय है.

महिला ने 28 अप्रैल को खुद को आग के हवाले कर जान देने की कोशिश की थी. वह 80 फीसदी जल गई है और गाजियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती है.

यशवीर सिंह ने इस बात से इनकार किया कि महिला ने इसलिए आत्मदाह की कोशिश की क्योंकि पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया.

एसपी ने यह भी कहा कि महिला की शिकायत पर पूर्व में भी कई बार जांच हो चुकी है, लेकिन घटना की पुष्टि नहीं हो सकी.

एसपी के अनुसार, महिला अपने साथ उत्पीड़न और सामूहिक बलात्कार की घटना को पांच साल पुरानी बता रही है. सभी घटनाएं अलग-अलग समय और अलग-अलग स्थानों की बताई गई हैं.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के संबंध में गांव के लोगों से भी बात की है, लेकिन किसी ने भी घटना की पुष्टि नहीं की.

यशवीर सिंह ने कहा कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर बाबूगढ़ थाना पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है.

गौरतलब है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले का संज्ञान लेकर 11 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था और महिला के लिए न्याय की मांग की थी.

उन्होंने पत्र में कहा, “पीड़िता को हापुड़ में पुलिस के हाथों असहनीय उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, बार-बार शिकायत करने पर भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया.”

पत्र में यह भी लिखा है, “उत्तर प्रदेश पुलिस के संवेदनहीन और शर्मनाक रवैये की वजह से पीड़िता ने खुद को आग के हवाले कर लिया.”

पत्र के अनुसार पीड़िता को कथित रूप से 10 हजार रुपये के लिए हापुड़ के एक शख्स को बेच दिया गया था. उस शख्स ने कई लोगों से कर्ज लिया हुआ था और बदले में वह पीड़िता को बिना मेहनताना के उनके यहां घरेलू काम करने के लिए मजबूर करता था. वहां पीड़िता के साथ कई बार उत्पीड़न और सामूहिक बलात्कार हुआ.


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