MSME सेक्टर में घटकर एक चौथाई रह गईं नई नौकरियां


India's February unemployment rate highest in last four months

 

सूक्ष्म, लघु और मध्यम(एमएसएमई) उद्यमों में पिछले चार साल में केवल 3,32,394 नए लोगों को नौकरियां मिली हैं. यानि एमएसएमई क्षेत्र में हर साल औसतन 83,098 नई नौकरियां पैदा हुई हैं. कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई ) के एक सर्वे में यह बात सामने आई है.

इसके विपरीत, सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय के मुताबिक साल 2012 से 2015 के बीच तीन साल में एमएसएमई क्षेत्र में 11,54,293 नए लोगों को नौकरियां मिली थीं.  यानि इस अवधि में हर साल 3,84764 रोजगार सृजित हुए थे.

इस हिसाब से पिछले चार साल में हर साल एक चौथाई कम रोजगार पैदा हुए हैं.

कुल भर्ती में से नौकरी छोड़ने या निकाले गए लोगों को घटाने के बाद हुए भर्ती की संख्या को ‘नेट जॉब’ या नई भर्तियां कहा जाता है.

सीआईआई सर्वे में एक लाख से अधिक उद्यमों को शामिल किया गया था.

आठ नवंबर 2016 को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने नोटबंदी की घोषणा की थी. जिसके बाद देश के  विकास पर नकारात्मक असर हुआ था. इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां चली गईं थी.  एनएसएसओ के आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी दर 2018 में 46 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. इसके बाद कृषि क्षेत्र पर भी प्रतिकूल असर हुआ था.

हालांकि सीआईआई के सर्वे के मुताबिक, साल 2015 की तुलना में हर साल 13.9 फीसदी अधिक रोजगार पैदा हुए हैं. लेकिन, इसमें केवल सदाबहार माना जाने वाला सेक्टर एमएसएमई ही शामिल है. जबकि  कृषि और अन्य क्षेत्रों को इस गणना में शामिल नहीं किया गया है.

सर्वे के मुताबिक, 2015 से 2018 के बीच 50 फीसदी से अधिक नौकरियां केवल तीन राज्यों महाराष्ट्र(29फीसदी), गुजरात(14 फीसदी), तेलंगाना(10 फीसदी) में पैदा हुई हैं.

अंग्रेजी अखबार द हिन्दू में छपी खबर के मुताबिक सूक्ष्म क्षेत्र में 73 फीसदी, छोटे उद्यमों में 23 फीसदी और मध्यम उद्यमों में चार फीसदी नए लोगों को नौकरियां मिली हैं.

हॉस्पिटलिटी और पर्यटन उद्योग में 12 फीसदी, टेक्सटाइल्स, परिधान और धातु उद्योग में आठ-आठ फीसदी नई नौकरियां सृजित हुई हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक मशीनरी पार्ट्स और परिवहन और लॉजिस्टिक उद्योग में सात फीसदी नए लोगों को रोजगार मिला है.

रिपोर्ट के मुताबिक, ” टॉप पांच सेक्टर में 40 फीसदी से अधिक रोजगार पैदा हुआ है.”

देश के आठ प्रमुख राज्यों में 80 फीसदी नई नौकरियां पैदा हुई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अगले एक साल में 5,70,804 नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद जताई गई है. सेक्टर के हिसाब से नौकरियों में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है.


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