नाबालिग दलित लड़की से छेड़खानी, संघ के पदाधिकारी पर एफआईआर दर्ज


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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में दो अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक पदाधिकारी और उसके परिवार के तीन सदस्यों पर एक 16 साल की दलित लड़की का कथित तौर पर यौन शोषण करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई.

पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपियों पर छेड़खानी का मुकदमा दर्ज किया है. साथ ही आरएसएस पदाधिकारी सतीश यादव की शिकायत पर पुलिस ने लड़की के पिता और चार अन्य पर डकैती और जानबूझकर सम्मान को ठेस पहुंचाने की एफआईआर दर्ज की है.

पुलिस के अनुसार लड़की के पिता ने सतीश यादव, उसके दो भाइयों जयदेव यादव और सहदेव यादव और उसके बेटे गणेश यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, पॉस्को एक्ट और एससी/एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “यह घटना तब हुई जब गणेश यादव एक खेत में काम करा रहा था और उसके कुछ मजदूरों ने खेत जा रही लड़की पर छींटाकशी की. जब लड़की ने विरोध किया तो उनके बीच विवाद हो गया. इसके बाद मौके पर कई और लोग पहुंचे और विवाद बढ़ गया. आरोपियों को कथित तौर पर पीटा गया. कई लोगों को छोटी-मोटी चोटें भी आईं.”

एक दूसरे पुलिस अधिकारी ने बताया, “शिकायत में लड़की के पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी 16 साल की लड़की दो अक्टूबर की सुबह खेत जा रही थी, तभी आरोपी उसे पास के खेत में खींच ले गए. आरोपियों ने लड़की के साथ यौन हिंसा करने की कोशिश की. इस बीच वो चिल्लाई और बहुत से लोग उसकी मदद के लिए आ गए. इसे देखकर आरोपी भाग गए.”

जैसे ही सतीश यादव और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई, वैसे ही जिले के बीजेपी अध्यक्ष आलोक गुप्ता के नेतृत्व में बहुत से बीजेपी कार्यकर्ता पुलिस स्टेशन में इकट्ठा होकर हंगामा काटने लगे.

उन्होंने एफआईआर को रद्द करने और लड़की के पिता और दूसरे लोगों के ऊपर दूसरी एफआईआर दर्ज करने की मांग की. इस हंगामे के बाद शाम को पुलिस ने लड़की के पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.

आलोक गुप्ता ने कहा, “सतीश यादव के खिलाफ दर्ज एफआईआर पूरी तरह से झूठी है. जब कथित घटना हुई तब वो वहां मौजूद ही नहीं थे.”


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