भारत को 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य


India aims to create an economy of $ 5,000 billion by 2024

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण है लेकिन राज्यों के साथ संयुक्त प्रयास से इसे हासिल किया जा सकता है. नरेन्द्र मोदी नीति आयोग संचालन परिषद की पांचवीं बैठक के उद्घाटन सत्र को राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक भवन में संबोधित कर रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग संचालन परिषद की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के चंद्रशेखर राव सहित तीन मुख्यमंत्री अनुपस्थित रहे. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी बैठक में नहीं आ सके.

सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह स्वास्थ्य कारणों से बैठक में नहीं आ पाए. बैठक में पंजाब का प्रतिनिधित्व राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने किया.

बैठक में अन्य सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के प्रशासक तथा जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने हिस्सा लिया.

सूत्रों ने बताया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री अपनी महत्वाकांक्षी 80,000 करोड़ रुपये की कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना को शुरू करने की तैयारियों में व्यस्त हैं. इस परियोजना से राज्य के जल संकट को दूर किया जा सकेगा. बताया जाता है कि तेलंगाना सरकार ने बैठक में अपना कोई प्रतिनिधि भी नहीं भेजा.

ममता बनर्जी ने मोदी को पत्र लिखकर इस बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई थी. उनका कहना था कि नीति आयोग के पास किसी तरह के वित्तीय अधिकार नहीं हैं ऐसे में इस तरह की बैठक की कवायद बेकार है.

उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर क्या नहीं कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्तिकरण और जीवन सुगमता हर भारतीय को उपलब्ध कराना है.

स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 तक कई लक्ष्यों को हासिल करने को ध्यान में रखना है. उन्होंने 2025 तक टीबी को समाप्त करने के लक्ष्य का जिक्र किया.

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शनिवार को उनके आवास पर मुलाकात की और तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निजीकरण पर राज्य की आपत्ति जताई है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीव गांधी लिफ्ट नहर परियोजना (चरण तीन) के लिए 1,454 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से जोधपुर, बाड़मेर और पाली के 2,104 गांवों तथा पांच कस्बों की जलापूर्ति की समस्या को 2051 तक के लिए हल किया जा सकेगा. ऐसे में इस परियोजना के लिए केंद्र से समर्थन की उम्मीद है.

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) के तहत केंद्र के हिस्से को तत्काल जारी करने की भी मांग की है. गहलोत ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत पर एनआरडीडब्ल्यूपी के तहत मौजूदा परियोजनाओं के लिए बकाया देनदारी 5,073 करोड़ रुपये थी. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य मौजूदा परियोजनाओं को अगले तीन साल में पूरा करने का है.

उन्होंने केंद्र सरकार से चालू वित्त वर्ष की पहली 370 करोड़ रुपये की किस्त जल्द जारी करने का अनुरोध किय.

प्रधानमंत्री की मौजूदगी में गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है. परियोजना की लागत 37,247 करोड़ रुपये है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में 50 प्रतिशत कोष का इस्तेमाल राज्य सरकार को लचीले तरीके से इस्तेमाल की अनुमति होनी चाहिए ताकि इन योजनाओं के उद्देश्यों को हासिल किया जा सके.


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