‘धार्मिक कट्टरता के मामले में भारत ईराक और अफ़गानिस्तान के बराबर’
एक अमेरिकी संस्था ने भारत को बढ़ती धार्मिक कट्टरता के मामले में ईराक और अफगानिस्तान जैसे देशों के साथ रखा है. यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) नाम की इस संस्था ने कहा है कि भारत में धर्म और राजनीति को अलग-अलग रखना बेहद मुश्किल होता जा रहा है. संस्था के अनुसार, साल 2018 में भारत धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में कई पायदान नीचे लुढ़का है.
संस्था ने भारत को ईराक, अफगानिस्तान, बहरीन, मिस्र, इंडोनेशिया, मलेशिया और तुर्की जैसे देशों के साथ शामिल किया है. उसने यह रैंकिंग इंटरनेश्नल फ्रीडम एक्ट के आधार पर तैयार की है.
संस्था ने यह भी आरोप लगाया कि भारत सरकार ने उन्हें बार-बार भारत के लोगों से संपर्क करने से रोका है. कमीशन ने कहा है कि सरकार के साथ खुलकर बातचीत करने के किसी भी मौके का स्वागत करेगी.
संस्था ने कहा है, “हाल के वर्षों में भारत के धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला हुआ है. साथ ही सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भीड़ की हिंसा को बढ़ावा दिया है.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शायद ही कभी भीड़ की हिंसा के खिलाफ बयान दिया हो. इसके अलावा बीजेपी के कुछ सदस्यों का संबंध हिंदू कट्टरवादी समूहों से भी है जो धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देते हैं.