भारत ने यूएनजीए में चीन के जम्मू कश्मीर, लद्दाख के जिक्र पर जताई आपत्ति


india objects to chinas reference to jk and ladakh at un general assembly

 

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में चीन के विदेश मंत्री वांग यी की ओर से जम्मू कश्मीर और लद्दाख का जिक्र किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है. भारत की तरफ से जवाब में कहा गया कि कश्मीर और लद्दाख का क्षेत्र देश का अभिन्न अंग है और सभी राष्ट्रों को उसकी संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाते हुए वांग यी ने महासभा में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार विवाद को शांतिपूर्ण और उचित तरीके से हल किया जाना चाहिए.

पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदल जाए.

वांग यी के बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और क्षेत्र में हाल का घटनाक्रम पूरी तरह से देश का ‘‘अंदरुनी मामला’’ है.

उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भारत की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में गैरकानूनी चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के जरिए यथास्थिति को परिवर्तित करने के प्रयासों से बचेंगे.’’

दरअसल स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था, ‘‘पहले से विवादित रहे कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार शांतिपूर्ण और उचित तरीके से हल किया जाना चाहिए.’’

वांग यी ने कहा, ‘‘एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने वाला कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए. भारत और पाकिस्तान का पड़ोसी होने के नाते चीन उम्मीद करता है कि यह विवाद प्रभावी तरीके से हल किया जाए और दोनों पक्षों के बीच संबंधों में स्थिरता कायम हो.’’

भारत ने पिछले महीने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया. यह फैसला 31 अक्टूबर से प्रभावी होगा.


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