अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की तैयारी में भारत


India preparing to launch its space station

 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के सिवन ने कहा है कि भारत खुद का अंतरिक्ष स्टेशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है. यह महत्वाकांक्षी परियोजना गगनयान मिशन का विस्तार होगी.

सिवन ने कहा, ‘‘हमें मानव अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने के बाद गगनयान कार्यक्रम को बनाए रखना होगा और इस संदर्भ में भारत खुद का अंतरिक्ष स्टेशन तैयार करने की योजना बना रहा है.

इससे पहले इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा था कि भारत दिसंबर 2021 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा. इसके लिए गगनयान प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है.

के सिवन ने कहा कि चंद्रयान अभियान 2 जिसे चंद्र अभियान 2 भी कहा जाता है, के बाद इसरो सूर्य को लेकर अभियान शुरू करेगा. इसके तहत 2020 की पहली छमाही में आदित्य एल1 लांच किया जाएगा.

शुक्र के लिए एक और अंतरग्रहीय अभियान को अगले 2-3 वर्षों में लांच किया जाएगा.

भारतीय वैज्ञानिक लंबे समय तक अंतरिक्ष में काम कर सकें इसलिए अंतरिक्ष स्टेशन बनाया जाएगा.  स्टेशन को पृथ्वी के लो ऑर्बिट स्टेशन में स्थापित किया जाता है. यहां पर पृथ्वी से जाने वाला कोई भी यान रुक सकता है. इसे मानव के रहने योग्य बनाया जाता है.

सिवन ने कहा कि हम अलग अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. हम (आईएसएस) उसका हिस्सा नहीं हैं…..हमारा अंतरिक्ष स्टेशन बहुत छोटा होगा. हम एक छोटा मॉड्यूल लांच करेंगे जिसका इस्तेमाल माइक्रोग्रैविटी प्रयोग के लिए किया जाएगा.’’

अंतरिक्ष स्टेशन का वजन करीब 20 टन होने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन की योजना बनाते समय इसरो अंतरिक्ष पर्यटन के बारे में नहीं सोच रहा हैय

सिवन ने कहा कि 2022 तक पहले गगनयान मिशन के बाद इस परियोजना को मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। उन्हें इस परियोजना के क्रियान्वयन में 5-7 साल लगने की उम्मीद है. हालांकि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन पर आने वाली लागत के संबंध में उन्होंने कुछ नहीं कहा.

फिलहाल पृथ्वी की कक्षा में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ही एक मात्र ऐसा स्टेशन है जो पूरी तरह काम कर रहा है. यहां अंतरिक्ष यात्री तमाम प्रयोग करते हैं.

चीन की भी अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना है.

गगनयान परियोजना पर सिवन ने कहा कि सरकार ने एक राष्ट्रीय सलाहकार परिषद बनाई है जिसमें अंतरिक्ष उद्योग के शीर्ष भारतीय विशेषज्ञों को शामिल किया गया है. इनमें इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन, विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग के सचिव आशुतोष शर्मा, प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन और डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी शामिल हैं.


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