ठोस सबूतों बिना आरोप न लगाए भारत: चीन
चीन की सरकारी मीडिया ने कहा है कि भारत को चीन पर पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान की मदद करने का आरोप लगाने से पहले अपनी आतंकवाद विरोधी नीति का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. उसने कहा है कि भारत को बगैर पक्के सबूतों के चीन पर आरोप नहीं मढ़ना चाहिए.
कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए हैं. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. भारत इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताते हुए लगातार चीन की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहा है.
भारत का आरोप है कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने में चीन अड़ंगा लगाता रहा है. इसके बाद ही चीन की सरकारी मीडिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
चीन ने कहा है कि पुलवामा हमले के लिए पुख्ता सबूतों के बिना पाकिस्तान और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने के प्रयासों को प्रतिबंधित करने के लिए चीन को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए.
चीन ने भारत को सलाह दी है कि कूटनीति के बजाय मसूद अजहर के मामले को किसी और बेहतर तरीके से संभाले. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना (CPC) के मुखपत्र पीपुल्स डेली से जुड़े राष्ट्रवादी टेबलॉइड ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित इन बातों ने भारत के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
इसमें कहा गया है कि ठोस सबूत के बिना भारत ने लंबे समय से पाकिस्तान पर जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी समूहों पर आतंकवादी हमलों को प्रायोजित करने का आरोप लगाया है.
चीन ने सवाल पूछा है, “अन्य देशों, विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन को दोष देने के बजाय भारत सरकार को क्या अपनी आतंकवाद विरोधी नीति पर क्या अधिक आत्मनिरीक्षण नहीं करना चाहिए? क्या उसे भारत नियंत्रित कश्मीर के हिस्से को बेहतर तरीके से संचालित करने के तरीके पर अधिक ध्यान देना चाहिए?”
लेख में इस तर्क को भी खारिज कर दिया है कि अजहर पर मुकदमा चलाने के लिए भारत की कोशिश पर अवरुद्ध करके चीन आतंकवाद का समर्थन कर रहा था.
लेख में कहा गया है कि चीन पर लगाए आरोप इस तथ्य की अवहेलना करता है कि आतंकवाद के शिकार के रूप में चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आतंकवाद विरोधी प्रयासों का समर्थन करने का वादा किया है. वह भारत और अन्य सभी देशों के साथ आतंकवाद से लड़ने के लिए तैयार है.
आतंकवादी हमले के लिए चीन और पाकिस्तान को दोषी ठहराने से पड़ोसी देशों को लेकर भारतीयों की चिंता बढ़ जाएगी. चीन ने ये तक कह दिया है कि सत्ताधारी पार्टी के कड़े रुख से पार्टी को जीतने में मदद मिल सकती है. लेकिन, इससे भारत को आतंकवाद के खिलाफ मिलने वाले वैश्विक सहयोग को झटका लगेगा.
अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पाकिस्तान और चीन को जिम्मेदार ठहराने से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में आतंकवाद विरोधी प्रयास भी बाधित होंगे. जिसमें 2017 में नई दिल्ली और इस्लामाबाद शामिल हुए थे.