भारत, स्वीडन ने तीन समझौतों पर किए हस्ताक्षर, जीवन की सुरक्षा पर जोर
स्वीडन के राजा कार्ल सोलहवें गुस्ताफ ने व्यापार एवं निवेश, नवोन्मेष और संस्कृति समेत विविध क्षेत्रों में भारत के साथ समग्र द्विपक्षीय सहयोग को विस्तार देने को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सेामवार को गहन वार्ता की.
राजा गुस्ताफ और राष्ट्रपति कोविंद के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने ध्रुवीय विज्ञान, नवोन्मेष एवं अनुसंधान और समुद्री क्षेत्रों में सहयोग के लिए तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
मोदी ने ट्वीट किया, ”महामहिम राजा कार्ल सोलहवें गुस्ताफ और रानी सिल्विया से मिलकर खुशी हुई. हमने भारत और स्वीडन के बीच सहयोग बढ़ाने पर गहन वार्ता की. दोनों देशों के बीच निकट आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों का हमारे नागरिकों को बहुत लाभ होगा.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि दोनों नेताओं ने भावी चुनौतियों से निपटने में दोनों देशों के बीच सहयोगात्मक तकनीकी नवाचार की भूमिका पर बल दिया.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी राजा गुस्ताफ और रानी सिल्विया से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की.
जयशंकर ने स्वीडन की अपनी समकक्ष एन लिंडे के साथ भी व्यापक मामलों पर चर्चा की और आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया.
जयशंकर ने दोनों मंत्रियों की बातचीत के बाद ट्वीट किया, ”स्वीडन की विदेश मंत्री एन लिंडे के साथ व्यापक मामलों पर चर्चा हुई. पर्यावरण, विनिर्माण, स्वास्थ्य एवं स्मार्ट सिटी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर बातचीत की. भारतीय प्रतिभा की गतिशीलता बढ़ाने की अपील की.”
जयशंकर ने बताया कि उन्होंने लिंडे के साथ आतंकवाद, खासकर सीमा पार आतंकवाद की चुनौती पर भी चर्चा की.
उन्होंने कहा, ”इस बात पर जोर दिया गया कि जीवन का अधिकार सबसे मूलभूत मानवाधिकार है. आतंकवाद की इस अहम चुनौती से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम करने को लेकर सहमति जताई.”
यह राजा गुस्ताफ की भारत की तीसरी यात्रा है.
भारत और स्वीडन के संबंध पिछले कुछ साल में मजबूत हुए हैं. द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2018 में 3.37 अरब डॉलर था.