लगातार कम हो रही है भारतीयों की लंबाई: अध्ययन


Indian children may no longer outgrow parents

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यह एक स्थापित तथ्य है कि भारतीय लोग लंबाई के मामले में दुनिया के सबसे छोटे लोगों में से होते हैं,  लेकिन अब ऐसे संकेत मिलने लगे हैं कि भारतीय लोगों की लंबाई और कम हो गई है.

साल 2015-16 में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के चौथे चरण और साल 2005-06 में हुए तीसरे चरण में सामने आए हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय पुरुषों की औसत लंबाई  एक सेमी और कम हो गई है जबकि महिलाओं की औसत लंबाई पहले जैसी ही है.

भारतीय पुरुषों की लम्बाई में सबसे ज्यादा गिरावट कर्नाटक के साथ-साथ झारखंड और हरियाणा में आई है.

साल 2005-06 से पहले के दशक में भारतीय पुरुषों की औसत लंबाई 0.5 सेमी बढ़ी थी, लेकिन हालिया सर्वेक्षण के नतीजे बता रहे हैं कि छह राज्यों  में उनकी औसत लंबाई में गिरावट आई है.

बीते दशक और हालिया दशक में केरल की महिलाओं की ऊंचाई में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है. 90 के दशक के अंत में और साल 2000 के दशक की शुरुआत में पुरुषों की ऊंचाई में सबसे बड़ा सुधार केरल में हुआ, जबकि हालिया दशक में हिमाचल प्रदेश इस मामले में सबसे आगे रहा.

शोध बताते हैं कि वयस्कों में लंबाई बढ़ने का कारण सिर्फ जीन ही नहीं होते हैं. जीन के अलावा मां की सेहत, बचपन में मिलने वाला पोषण, साफ़-सफाई और पर्यावरणीय प्रदूषण की वजह से भी लंबाई प्रभावित होती है. भारत में ऊंची जातियों के लोगों की लंबाई सबसे ज्यादा होती है जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग सबसे छोटे होते हैं. जाहिर है कि अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों  को सामाजिक-आर्थिक विषमता के चलते पर्याप्त पोषण और स्वस्थ वातावरण नहीं मिल पाता.

मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और झारखंड के पुरुषों की लंबाई सबसे कम होती है. इन राज्यों के पुरुषों की लंबाई दुनिया के किसी भी देश में तुलनात्मक आयु वर्ग के पुरुषों की औसत लंबाई से भी कम होती है. वहीं जम्मू कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और केरल ऐसे राज्य हैं, जहां के पुरुषों की लंबाई कम से कम 30 देशों के पुरुषों की औसत लंबाई से अधिक है.

भारत में मेघालय, त्रिपुरा, झारखंड और बिहार में महिलाओं की लंबाई सबसे कम है. वहीं सबसे लंबी महिलाएं पंजाब, जम्मू कश्मीर, केरल और हरियाणा जैसे राज्यों में है. इनकी औसत लंबाई  40 देशों की महिलाओं की औसत लंबाई से अधिक है.

साल 2016 में हुए एक अध्ययन ने 1896 से 1996 तक की अवधि में  दुनिया के 200 देशों में वयस्कों की लंबाई के बारे में अनुमान लगाया गया था. इस अध्ययन से पता लगा था कि ज्यादातर देशों में लोग लंबे होते जा रहे थे और परिवर्तन की मात्रा विभिन्न देशों में बहुत अधिक थी. इस अध्ययन का निष्कर्ष था कि इस दौरान दक्षिण कोरिया की महिलाओं की लंबाई में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई. इसके बाद सबसे ज्यादा वृद्धि ईरानी पुरुषों की लंबाई में हुई.

भारतीय लोगों की लंबाई आज भी जापान और दक्षिण कोरिया के लोगों से 5-10 सेमी कम होती है.


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