ईरानी हवाई क्षेत्र से बचकर गुजरेंगी भारतीय उड़ानें


air india will be privatized says government

 

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच, भारत के विमानन नियामक डीजीसीए ने शनिवार को कहा कि भारतीय एयरलाइनों ने ‘‘ईरानी हवाई क्षेत्र के प्रभावित हिस्से’’ से बचने और उड़ान मार्ग को उपयुक्त ढंग से पुनर्निर्धारित करने का फैसला किया है.

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ट्विटर पर कहा, ‘‘डीजीसीए के परामर्श से सभी भारतीय एयरलाइन संचालकों ने यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए ईरानी हवाई क्षेत्र के प्रभावित हिस्से से बचने का फैसला किया है.’’

अमेरिकी विमानन नियामक, संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने 21 जून को एयरमैन को एक नोटिस (नोटम) जारी किया, जिसमें अग्रिम सूचना मिलने तक अमेरिका में पंजीकृत विमानों के ईरान के हवाई क्षेत्र से होकर जाने पर रोक लगा दी गई.

इस बीच क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां तेज होने के चलते अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.

डीजीसीए के फैसले के बाद, एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अश्वनी लोहानी ने कहा, ‘‘एयर इंडिया की उड़ानों पर इसका कोई ठोस प्रभाव नहीं है. आने वाली उड़ानों के मार्ग को पुनर्निधारित करने पर काम किया जा रहा है.’’

इससे पहले 26 फरवरी को बालाकोट हमले के बाद से भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा बंद है, ऐसे में शनिवार को प्रभावित ईरानी हवाई क्षेत्र से बचने के निर्णय से पश्चिम एशियाई देशों, यूरोपीय देशों और अमेरिका की ओर जाने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए दिक्कतें पैदा हो सकती हैं.

वहीं 20 जून को ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी सैन्य ड्रोन को मार गिराया था, जिसके बाद एफएए ने चेतावनी जारी की थी कि ऐसी संभावना है कि वाणिज्यिक विमानों को गलती से ईरानी हवाई क्षेत्र में निशाना बनाया जा सकता है.


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