‘मिशन शक्ति’ ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को खतरे में डाला: NASA
भारत के मिशन शक्ति परीक्षण के चलते अंतरिक्ष में फैलने वाले कचरे पर नासा ने चिंता जताई है. मंगलवार को नासा ने कहा है कि इस परीक्षण से अंतरिक्ष की कक्षा में कचरे के 400 टुकड़े बिखरे हैं, जो भयावह है. इससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नया खतरा पैदा हो गया है.
नासा प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने सोमवार को नासा के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए भारत के पांच दिन पहले किए गए परीक्षण का जिक्र किया. ब्रिडेनस्टाइन ने बताया कि कचरे के सभी टुकड़े इतने बड़े नहीं हैं, जिन्हें ट्रैक किया जा सके. इसलिए हम अभी केवल बड़े टुकड़ों को ट्रैक कर रहे हैं. ऐसे टुकड़े 6 इंच के हैं और अब तक ऐसे 60 टुकड़े मिले हैं.
उन्होंने कहा कि हालांकि यह परीक्षण कम ऊंचाई यानी कि 300 किलोमीटर की कक्षा में हुआ और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन समेत बाकी सभी सैटेलाइट इस परीक्षण से काफी ऊपर की कक्षाओं में थे. लेकिन अब मिशन शक्ति से निकले 24 टुकड़े इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के ऊपर चले गए हैं.
उन्होंने आगे कहा, “यह बहुत भयानक है. इस तरह की गतिविधि मानव अंतरिक्ष यान के भविष्य के लिए सही नहीं है. यह कतई गंवारा नहीं किया जाएगा. इस मामले में नासा का पक्ष साफ है.”
उन्होंने बताया कि फिलहाल अमेरिकी सेना ऐसे 23,000 स्पेस ऑब्जेक्ट पर नजर रखे हुए है जिसका आकार 10 सेंटीमीटर से ज्यादा है और जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से टकरा सकते हैं. इसमें 10,000 टुकड़े अंतरिक्ष कचरे के भी हैं. इनमें से 3 हजार सिर्फ चीन द्वारा 2007 में किए गए ऐसे ही परीक्षण की वजह से फैले थे. अब भारत के परीक्षण के बाद कचरे के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से टकराने की संभावना 44 फीसदी बढ़ गई है.