भारत की विकास दर पांच फीसदी से नीचे जाने का अनुमान


India's export continue to shrink for continuous fifth month

 

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, नोमुरा होल्डिंग इंक और कैपिटल इकॉनोमिक्स लिमिटेड के अर्थशास्त्रियों ने सितंबर में खत्म हो रही तिमाही में विकास दर को घटाकर 4.2 फीसदी से 4.7 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया है. सरकार 29 नवंबर को इससे संबंधित डाटा जारी करनेवाली है.

अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक जीडीपी की 4.2 फीसदी की विकास दर साल 2012 को जीडीपी के लिए आधार वर्ष बनाने के बाद से सबसे कम रहनेवाली है. जून महीने तक अर्थव्यवस्था पांच फीसदी की दर से बढ़ रही थी.

नोमुरा के अधिकारी सोनल वर्मा ने कहा कि अप्रैल से जून के बीच जीडीपी वृद्धि सबसे कम नहीं रहने वाली है. उन्होंने पिछली तिमाही(जुलाई से सितंबर) के बीच विकास दर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. उन्होंने कहा कि घरेलू क्रेडिट अब भी मुश्किल से मिल रहा है और वैश्विक स्तर पर मांग कमजोर बनी हुई है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 2019 में अबतक पांच बार ब्याज दर में कटौती कर चुका है. इसके साथ ही कंपनियों को टैक्स में भारी छूट दी गई है.

स्टेट बैंक के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष  ने कहा कि वह दिसंबर में आरबीआई की ओर से एक बार फिर दरों में कटौती करने की अपेक्षा रखते हैं. घोष ने भी विकास दर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. हालांकि उन्होंने कहा कि दरों में कटौती से तत्काल कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ने वाला है.

सिंगापुर में कैपिटल इकॉनोमिक्स के सीनियर इंडिया अर्थशास्त्री शिलन साह ने जुलाई-सितंबर तिमाही में विकास दर के 4.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.


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