राहुल गांधी से मुलाकात का विरोध होने पर उद्यमी ने दिया इस्तीफा
मध्य प्रदेश के एक उद्यमी ने कांग्रेस की ओर आयोजित ‘अपनी बात, राहुल के साथ’ कार्यक्रम में शामिल होने के बाद ‘अनर्गल टिप्पणी’ आने पर एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्य प्रदेश (एआईएमपी) से इस्तीफा दे दिया है.
उद्यमी संजय पटवर्धन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से उसकी हालिया मुलाकात का बेजा विरोध करते हुए इस निकाय के कुछ पदाधिकारी सोशल मीडिया पर अनर्गल टिप्पणियां कर रहे हैं. जिसके बाद उन्होंने संगठन में अपना पद छोड़ने की पेशकश की है.
पटवर्धन शहर के पोलोग्राउंड औद्योगिक क्षेत्र में मॉड्युलर फर्नीचर और सौर ऊर्जा उपकरणों का कारखाना चलाते हैं. उन्होंने 19 फरवरी को दिल्ली में आयोजित ‘अपनी बात, राहुल के साथ’ कार्यक्रम में एमएसएमई क्षेत्र के अन्य उद्यमियों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष से संवाद किया था.
आगामी लोकसभा चुनावों से पहले शुरू किए गए इस कार्यक्रम में राहुल समाज के अलग-अलग तबकों से संवाद कर रहे हैं.
बहरहाल, राहुल से भेंट के दो दिन बाद पटवर्धन ने एआईएमपी को भेजे इस्तीफे में कहा, “मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी का सदस्य नहीं हूं. मैंने किसी औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की थी.”
इस्तीफे में कहा गया, “एआईएमपी के न केवल साधारण सदस्यों, बल्कि कुछ कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा भी सोशल मीडिया पर (इस मुलाकात को लेकर) अनर्गल और तथ्यहीन बातें कही जा रही हैं. मेरे जैसे छोटे-से व्यक्ति के कारण देश की एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के बारे में अभद्र टिप्पणी की जा रही है. यह किसी भी स्तर पर मुझे स्वीकार्य नहीं है और मैं अपने साथी सदस्यों के विचारों से दु:खी होकर कार्यकारिणी से इस्तीफा दे रहा हूं.”
एआईएमपी के अध्यक्ष आलोक दवे ने पटवर्धन का इस्तीफा मिलने की पुष्टि करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि औद्योगिक संगठन की कार्यकारिणी मामले में उचित निर्णय लेगी.
उन्होंने कहा, “हमारा संगठन पूरी तरह गैर राजनीतिक है और हमने पटवर्धन को इस्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं किया. जहां तक औद्योगिक हितों के लिये हमारे किसी भी पदाधिकारी के राहुल गांधी या अन्य किसी राजनीतिक हस्ती से मिलने का सवाल है, तो मैं इस तरह की भेंट को कतई गलत नहीं मानता.”
सूत्रों के मुताबिक ‘अपनी बात, राहुल के साथ’ कार्यक्रम में चर्चा के दौरान पटवर्धन ने राहुल को सुझाया था कि कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों के लिये खादी की यूनिफॉर्म अनिवार्य कराई जानी चाहिए. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को फौरन फोन लगाकर इस सुझाव के संबंध में इंदौर निवासी उद्यमी से उनकी सीधी बात भी करायी थी.’’