हाउसिंग क्षेत्र को गति देने के लिए 10 हजार करोड़ का फंड
हाउसिंग क्षेत्र को सुस्ती से उबारने के लिए केन्द्र सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. यह फंड बंद पड़े उन प्रोजेक्ट के लिए है जिनका 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है. हालांकि एनपीए में फंसे कंपनियों को इस फंड में शामिल नहीं किया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में औद्योगिक उत्पादन और स्थिर निवेश में सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे हैं. यह बात उन्होंने ऐसे समय की है जब आर्थिक वृद्धि की दर छह साल के निचले स्तर पर आ गई है.
सीतारमण ने कहा गैर एनपीए और गैर एनसीएलटी हाउसिंग प्रोजेक्ट जिनका नेट वर्थ पॉजिटिव है उनके लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी.
नरमी के दौर से गुजर रही घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहनों की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि बैंकों से ऋण प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि नीतिगत दर में कटौती का लाभ बैंक ग्राहकों को देने लगे हैं. वह इसकी समीक्षा करने के लिए 19 सितंबर को सार्वजनिक बैंकों के प्रमुखों के साथ मुलाकात करेंगी. रिजर्व बैंक फरवरी से अब तक रेपो रेट में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है.
देश से वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात संवर्धन की योजना (एमईआईएस) कपड़ों के लिए 31 दिसंबर तक बरकरार रहेगी.
निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईजीसी) पर बात करते हुए सीतारमण ने कहा ईजीसी निर्यात ऋण बीमा योजना का दायरा बढ़ाएगा. इस कदम से सरकार पर सालाना 1,700 करोड़ रुपये का बोझ आएगा.
सीतारमण ने कहा भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात संवर्धन की योजना (एमईआईएस) की जगह निर्यात की जाने वाली चीजों पर शुल्कों और करों की वापसी की व्यवस्था लागू की जाएगी. निर्यातकों के लिए ऋण प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए ऋण आवंटन के संशोधित नियमों (पीएसएल) की घोषणा के बाद इससे निर्यातकों को 36,000 करोड़ रुपये से लेकर 68,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त वित्त पोषण मिलेगा.
सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है. हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में कुछ तेज होकर 3.21 प्रतिशत पर पहुंच गई लेकिन यह अब निर्धारित दायरे में है.
सीतारमण ने कहा कि 2018-19 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन से संबंधित सारी चिंताओं के बाद भी जुलाई 2019 तक हमें सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे हैं.