कश्मीर में अकेले घूमने की मांग करने वाले सांसद का आमंत्रण रद्द किया गया


Invitation of MP seeking to go alone in Kashmir canceled

 

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद राज्य के ताजा हालात का जायजा लेने के लिए यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का एक शिष्टमंडल मंगलवार को यहां पहुंचा.

अधिकारियों ने बताया कि दो दिवसीय यात्रा पर आए ईयू सांसदों को सरकारी अधिकारी घाटी के हालात के अलावा जम्मू कश्मीर के अन्य हिस्सों की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे.

अधिकारियों ने बताया कि इस दल में मूल रूप से 27 सांसदों को होना था लेकिन इनमें से चार कश्मीर नहीं आए. बताया जाता है कि ये सांसद अपने अपने देश लौट गए.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इन चार सांसदों ने विरोध स्वरूप अपने दौरे को रद्द कर दिया है.

इस विवाद के अलावा अब एक और विवाद डेलिगेशन से जुड़ा हुआ सामने आया है. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक नॉर्थ वेस्ट इंग्लैंड से सांसद क्रिस डेविस को भी इस प्रतिनिधिमंडल के लिए आमंत्रण भेजा गया था.

लेकिन उन्होंने मांग रखी कि वो सुरक्षाकर्मियों के गैर-मौजूदगी में अकेले स्थानीय लोगों से मिलेंगे. इसके बाद उनका आमंत्रण रद्द कर दिया गया. उनसे कहा गया था कि वो 28 अक्टूबर को आकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करें और इसके बाद कश्मीर का दौरा करें.

लेकिन क्रिस के जवाबी मेल के मिलने के दस दिन बाद उनका आमंत्रण रद्द कर दिया गया.

उन्हें यह आमंत्रण आठ अक्टूबर को मिला था. विमन्स इकॉनोमिक एंड सोशल थिंक टैंक नाम के गैर सरकारी संगठन ने उन्हें यह आमंत्रण भेजा था.

पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के एलान के बाद यह पहला उच्च स्तरीय विदेशी शिष्टमंडल कश्मीर के दौरे पर आया है.


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