लगता है चुनाव आयोग गहरी नींद से जागा है: सुप्रीम कोर्ट


supreme court rejects all review petition in ayodhya verdict

 

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार खाकर आनन-फानन में हरकत में आए चुनाव आयोग को आज कुछ राहत मिली है. बीते 24 घंटों में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, सपा नेता आज़म खान, बसपा सुप्रीमो मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर की गई कार्रवाइयों से आज सुप्रीम कोर्ट  कुछ संतुष्ट दिखा. उसने टिप्पणी की, “ऐसा लगता है कि  चुनाव आयोग नींद से जागा है और उसने राजनीतिज्ञों के खिलाफ कदम उठाने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया है.”

कल सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को लेकर चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी. दरअसल चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि चुनाव के दौरान हेट स्पीच रोकने के लिए उसके पास जरूरी शक्तियां नहीं हैं. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इस दलील को लेकर इतना नाराज हो गए कि मुख्य चुनाव आयुक्त को कोर्ट रूम में हाजिर होने की चेतावनी दे डाली थी. उन्होंने कहा था कि अगर कोर्ट को आयोग की शक्तियों के बारे में साफ तौर पर नहीं बताया गया तो अगले आधे घंटे में मुख्य चुनाव आयुक्त को कोर्ट में आना पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद पहले से ही विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहे आयोग को शर्मसार होना पड़ा था. इसके तुरंत बाद ही उसने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावाती के चुनाव प्रचार करने पर पाबंदी लगा दी थी.

मायावती ने अपने ऊपर लगी इस पाबंदी को भी खत्म करने की मांग करते हुए कोर्ट से गुहार लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने मायावती के चुनाव प्रचार पर लगे 48 घंटे की पाबंदी को हटाने से भी इनकार कर दिया.


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