चंदा कोचर मामला: जेटली ने साधा सीबीआई पर निशाना


central government refuses to share information on black money

 

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चंदा कोचर मामले में सीबीआई को निशाने पर लिया है. उन्होंने सीबीआई को दुस्साहस से बचने और सिर्फ दोषियों पर ध्यान देने की नसीहत दी.

जेटली ने यह सब ऐसे समय कहा है जब सीबीआई ने 24 जनवरी को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन कर्ज मामले में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है.

इसके अलावा सीबीआई ने बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी के मामले में के.वी.कामत के साथ अन्य को पूछताछ के लिए नामजद किया है.

अमेरिका में इलाज करा रहे जेटली ने ट्वीट किया, भारत में दोषियों को सजा मिलने की बेहद खराब दर का एक कारण जांच और पेशेवर रवैये पर दुस्साहस और प्रशंसा पाने की आदत का हावी हो जाना है.

जेटली ने कहा, ”पेशेवर जांच और जांच के दुस्साहस में अंतर है. हजारों किलोमीटर दूर बैठा मैं जब आईसीआईसीआई मामले को पढ़ता हूं तो एक ही बात दिमाग में आती है कि लक्ष्य पर ध्यान देने के बजाय अंतहीन यात्रा का रास्ता क्यों चुना जा रहा है? अगर बैंकिंग उद्योग से हर किसी को बिना सबूत के जांच में शामिल करने लगेंगे तो हम इससे क्या हासिल करने वाले हैं. या सही मायने में नुकसान उठा रहे हैं.”

अरुण जेटली की इस टिप्पणी पर आरजेडी के प्रवक्ता और लोकसभा सांसद मनोज झा ने कहा, “बीजेपी को भी यह समझने की जरूरत है कि सीबीआई का इस्तेमाल किस तरह राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को साधने के लिए किया जा रहा है. जेटली जी को कहीं तो चोट लगी है. इसलिए वो ऐसा कह रहे हैं.”

ऐसा आरोप है कि 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3250 करोड़ रुपये का कर्ज मिला था. वीडियोकॉन ने इस कर्ज का 86 फीसदी(2810) रुपया जमा नहीं किया है. 2017 में वीडियोकॉन के अकाउंट को बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया था.

वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से कर्ज मिलने के वक्त चंदा कोचर बैंक की चेयरमैन थी.


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