झारखंड: ज्यां द्रेज पुलिस की हिरासत से रिहा किए गए


Jean Dreze was detained by Jharkhand police

  HumaraAdhikar

भोजन के अधिकार पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और उनके दो साथियों को झारखंड पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया है. उन्हें झारखंड पुलिस ने गढ़वा जिले में बिना इजाजत के एक जनसभा आयोजित करने के आरोप में हिरासत में लिया था.

ज्यां द्रेज, उनके मित्र विवेक कुमार सहित एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता को गढ़वा जिले के बिशुनपुर पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया था. तीनों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने कहा था कि उन्हें बिना इजाजत के बिशुनपुर पुलिस थाने की सीमा में जनसभा आयोजित करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है, तीनों से पूछताछ की जा रही है और उन्हें किसी भी समय छोड़ दिया जाएगा.

पुलिस हिरासत से छूटने के बाद ज्यां द्रेज ने मीडिया को बताया कि जिला प्रशासन ने उन्हें बिशुनपुर पुलिस स्टेशन की सीमा में जनसभा आयोजित करने की अनुमति देने से मना कर दिया था.

गिरफ्तारी के बाद ज्यां द्रेज ने कहा है कि कोई गंभीर मामला नहीं है. उन्हें अगर फोन आता है तो उन्हें बैठक करने की अनुमति मिल सकती है. उनको हिरासत में लिए जाने की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और जानी-मानी हस्तियों ने आलोचना की है. झारखण्ड पुलिस के इस कदम की योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण और इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने भी कड़ी आलोचना की है.

ज्यां द्रेज भोजन के अधिकार के मुद्दे पर काम करते रहे हैं. वे बेल्जियम मूल के हैं. वर्तमान में वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में बतौर मानद प्रोफेसर कार्यरत हैं. साथ ही रांची विश्वविद्यालय में अतिथि प्रोफेसर भी हैं. इससे पहले वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भी पढ़ा चुके हैं.


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